पति-पत्नी और शक! मकड़ियों के जाले से करता था अपनी पत्नी की जसूसी

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। शक (Doubt) एक ऐसा बीज होता है जो रिश्तों में दरार पैदा करने का काम करता है। शक के कारण अच्छे भले रिश्ते खत्म हो जाते हैं। चाहे शक पति पत्नी (Husband Wife) के बीच हो या दोस्तों (Friends) पर हो। शक अक्सर रिश्तों की पतन की वजह ही होता है। शक करने का एक अजीबोगरीब मामला राजधानी भोपाल (Bhopal) से आया है, जहां एक पत्नी पर उसका पति मकड़ी के जाले (Spider Web) के जरिए जासूसी (Spy) करता था।  जासूसी का यह मामला कुटुंब न्यायालय में पहुंचा, जहां पत्नी द्वारा पति पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया। पत्नी का आरोप है कि उसके पति ने घर में दूसरे मर्द के आने जाने का पता लगाने के लिए मकड़िया (Spiders) पाली है। इसके साथ ही अलमारियों और दीवारों के कोने की जासूसी (Spy) करके इस बात की तहकीकात करता है कि कहीं उसके घर में कोई दूसरा मर्द तो नहीं आया। अगर मकड़ी का जाला अव्यवस्थित दिखता है तो वह जानवरों की तरह उसे मारता है।

रिश्तें के बचने की गुंजाइश नहीं

दरअसल, कुटुंब न्यायालय भोपाल एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें टेक्निकल ऑफिसर की पत्नी ने अपने पति पर जबरदस्ती परेशान करने का आरोप लगाया है। पत्नी का कहना है कि उसके पति ने उसका जीना हराम कर दिया है। उसके पति ने उसकी जिंदगी को नर्क बना दी है। वही इस मामले की काउंसलिंग कर रही काउंसलर सरिता राजानी का कहना है कि रिश्ते को बचाने की कोशिश हर हद तक की गई है पर इसके बचने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

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पती देखता था जसूसी सीरियल

कुटुंब न्यायालय की काउंसलर बताती है कि महिला का पति प्राइवेट कंपनी में टेक्निकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ है और इनकी शादी को 15 साल हो गए हैं। इनकी 12 साल की बेटी और 9 साल का एक बेटा है। हाल ही में महिला द्वारा कुटुंब न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल की गई है। महिला का आरोप है कि उसका पति उसकी जासूसी करने के लिए मकडिया पालता है। इसके साथ ही वह जासूसी सीरियल देखता है और अजीबोगरीब हरकत करता है।

पति ने पत्नी पर किया हमला

महिला ने शिकायत की है कि उसका पति घर में पुरुषों को आने नहीं देता है और अगर कोई पुरुष भूले भटके गलती से घर आ जाए तो वह उसे मारने पर उतर आता है। करीब 4 महीने पहले महिला का एक रिश्तेदार उनके घर घूमते फिरते आया था। उस दौरान सीसीटीवी फुटेज  महिला के पति ने अपने मोबाइल पर देख लिया था। जब वह शाम को घर लौटा तो उसने पत्नी से पूछताछ की कि कौन आया था और किस लिए आया था। जिस पर पत्नी ने बताया कि मेरा रिश्तेदार आया था, जिसके बाद महिला के पति ने उस पर कर्छी से सर पर हमला कर दिया। पति बोला क्यों रिश्तेदार के साथ कोई और भी आया था ? तुमने यह क्यों नहीं बताया ? तुमने मुझसे झूठ बोला है। लहूलुहान हुई पत्नी को देख उसका पति घबरा गया। इस घटना के बाद पत्नी ने घर छोड़ दिया और वह मायके चली गई।

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महिलाएं आज भी है असुरक्षित

काउंसलर सरिता राजानी बताती है कि इस रिश्ते को बचाने की पूरी कोशिश की गई है, लेकिन महिला का तलाक तय है, अब रिश्ते के बचने की कोई भी संभावना नहीं बची है। महिला ने कहा है कि अगर पति को बच्चे रखना है तो रख ले नहीं तो मुझे शॉप दें। पर महिला अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। वहीं काउंसलर सरिता राजानी बताती है समाज में तेजी से परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आपका प्रोफेशनल स्टेबल होना ही सिर्फ जरूरी नहीं है इसके साथ ही मानसिक स्टेबिलिटी की भी जरूरत है। आज के दौर में भी महिलाएं उतनी ही असुरक्षित है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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