Niwari News : ग्रामीणों का संकल्प- ना शराब ना जुआ, जो तोड़ेगा नियम उसको सजा

Pooja Khodani
Updated on -

निवाड़ी, मयंक दुबे। बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में शराबबंदी और जुएं जैसी विकृतियों को लेकर ग्रामीण लगातार लामबंद हो रहे हैं। ताजा मामला निवाड़ी (Niwari) जिले का है, जहाँ पुलिस की जागरूकता अभियान चला रही है, जिसमें संदेश दिया जा रहा है कि शराब व जुआ एक सामाजिक विकृति है जो घरों को तोड़ता है।

इसके तहत पृथ्वीपुर के दुमदुमा समेत तकरीबन आधादर्जन गाँव के ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लेते हुए शराबंदी (Liquor Ban) व जुएं को न खेलने का संकल्प लिया ।सर्वसमाज के इस सामूहिक फैसले में यह भी निर्णय लिया गया कि इस फैसले को जो तोड़ेगा उसे अर्थदंड देना होगा, जिसमे शराब पीने वाले को 5 हजार व बनाने वाले को 11 हजार रुपए देना होगा इन सब के वावजूद भी कोई व्यक्ति नही मानता है तो उसे समाज से बहिष्कार भी कर दिया जाएगा।

दरअसल, गांव के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में निर्णय तब लिया गया जब गांव के दर्जनों घर शराब जुए की चपेट में आने के बाद बर्बादी की कगार पर थे। घर घर जुए व शराब की लत के लोग आदी हो गए थे और परिणाम स्वरूप लोगो के घरों की सुख शांति मानो खत्म हो गई थी जिसके चलते गांव के बुद्धिजीवियों के द्वारा यह पंचायत बैठक ली गई और इस तरह के कठोर निर्णय लिया गया ।

मालूम हो की बुंदेलखंड (Bundelkhand) में जुए व शराब (Gambling And Alcohol) एक ऐसी सामाजिक विकृति है जिसके चलते कई घर बर्बाद हो चुके है ऐसे में इस तरह के सामाजिक फैसले ऐसी समस्याओ से निजात में अंतिम छोर तक खत्मा जरूर न कर सके लेकिन जनजागृति जरूर लाएंगे ।।।

सामाजिक विकृति का नाश तभी संभव, जब समाज जागृत हो- निवाड़ी एसपी 

निवाड़ी एसपी वाहनी सिंह (Niwari SP Wahni Singh) बताती है कि जुआ एवं शराबबंदी एक ऐसी सामाजिक विकृति है, जिसमे कई घर तबाह हो चुके है और कई होने की कगार पर है ऐसे में पुलिस हर संभव प्रयास करती है। इस सामाजिक बुराई का समूल नाश किया जा सके, बावजूद उसके जब तक लोग के खुद के अंदर जनजागृति नही आएगी वह खुद जागरूक नही होंगे इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म नही किया जा सकता । निवाड़ी जिले के तकरीबन पांच गावों के लोगो का यह संकल्प की वह शराब और जुआ नही खेलेंगे इस तरह के निर्णय आने वाले दिनों में इस सामाजिक विकृति को जड़ से खत्म करने में नजीर साबित होंगे ।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News