करोड़ों की सरकारी जमीन पर बना अशासकीय विद्यालय, जमींदोज होगा : कलेक्टर

Amit Sengar
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टीकमगढ़,आमिर खान। टीकमगढ़ (tikamgarh) जिले के प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे भू माफिया (Land mafia) के खिलाफ अभियान में रोजाना एक से बढ़कर एक कहानियां सामने आ रही हैं। खरगापुर तहसील के ग्राम फुटेर चक्र 2 में दबंग भू माफिया द्वारा राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से भूमि खसरा नंबर 941/1 रकवा 2.282 हेक्टेयर शासकीय गौचर भूमि के लगभग एक एकड़ हिस्से पर एक विशाल प्राइवेट स्कूल बिल्डिंग तान दी गई है।

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आपको बता दें कि खरगापुर और पलेरा रोड पर इस बेसकीमती भूमि का मूल्य 2 से 3 करोड़ रुपए बताई जा रही है, हैरत की बात यह है कि पिछले 10 सालों से यहां पर धड़ल्ले से स्कूल संचालित है। हैरान करने वाला तथ्य तो यह भी है कि उक्त भूमि को रेलवे द्वारा अधिग्रहीत किया गया है। इसके बावजूद भी लोगों ने इस पर कब्जा कर इसे निजी स्वामित्व की भूमि बना लिया है। इस संबंध में कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी के आदेश के बाद खरगापुर के राजस्व अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने पशुओं को चरने के लिए छोड़ी गई सरकारी जमीनों पर हो रहे कब्जों को तत्काल हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर राजस्व अधिकारी सुधरेंगे नहीं तो उनके खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा।

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इस सिलसिले में कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी ने कहा कि उक्त मामले की जांच कराकर विवादास्पद स्कूल भवन को यदि सरकारी भूमि पर निर्मित होना पाया जाएगा, तो उक्त विद्यालय भवन को धराशाई कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध समुचित कानूनी प्रावधानों के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जाएगा। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने खरगापुर, बल्देवगढ़ के एसडीएम संजय जैन को पूरे मामले की बारीकी से जांच के आदेश दिए। उधर जिले के शिक्षा महकमें में हड़कंप मचा हुआ है कि सरकारी गौचर भूमि पर भवन बनाकर संचालित विद्यालय को शिक्षा विभाग की मंजूरी कैसे मिल गई।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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