छिंदवाड़ा में मामूली बात को लेकर दो युवतियां भिड़ीं, चोटी खींच हुई जमकर मारपीट, देखें वीडियो

Gaurav Sharma
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छिंदवाड़ा,डेस्क रिपोर्ट। छिंदवाड़ा (Chhindwara) के बैल बाजार में उस वक्त हंगामा (Ruckus) मच गया जब दो युवतियों के बीच एक दूसरे की चोटी खीचते हुए जमकर मारपीट हुई। युवतियों के बीच हुई झुमाझटकी का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर वायरल (Viral) हो रहा है। यह मामला मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का है, जहां शुक्रवार को बैल बाजार में अपनी अपनी स्कूटी (Scooty) पर सवार होकर दो युवतियां जा रही थी। इस दौरान दोनों की स्कूटी एक दूसरे से टकरा (Collided) गई, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद (Conflict) हो गया।

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देखते ही देख विवाद (Conflict) इतना बढ़ गया कि दोनों युवतियां एक दूसरे के साथ बीच बाजार (Market) में मारपीट करने लगी। एक लड़की ने दूसरी युवती की पिटाई कर दी। जिसके पलटवार में दोनों के बीच झड़प हो गई। जब दोनों युवतियों के बीच में लड़ाई चल रही थी उसी वक्त एक युवती की सहेली उसे बचाने बीच में आ गई। फिर युवती और उसकी सहेली ने मिलकर दूसरी युवती के साथ चोटी पकड़कर उसके साथ जमकर मारपीट की। इस बीच में एक युवक लड़ाई को शांत कराने के लिए दोनों के बीच पहुंचा तो युवती ने उसे बीच में आने से मना कर दिया। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने इस पूरे वाक्या (Incident) का वीडियो (Video) बना दिया और सोशल मीडिया (Social Media) पर अपलोड कर दिया, तब से ही यह वीडियो सोशल मीडिया (Social media) पर जमकर वायरल (Viral) हो रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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