Ujjain News: महाकाल नगरी से धोखाधड़ी का मामला आया सामने, होटल बुंकिग के नाम पर वसूले 45 हजार रूपए

महिला ने माधवनगर पुलिस थाना में मामले की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

Shashank Baranwal
Published on -
इंदौर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ऑनलाइन फ्रॉड में ठगे पीड़ितों को 09 करोड़ 26 लाख से अधिक रुपए वापस दिलवाए

Ujjain News: महाकाल नगरी उज्जैन से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां एक महिला के साथ होटल बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी की गई। दरअसल, महिला अपने कुछ परिचितों के साथ ऋषिकेश घूमने जा रही थी। इसको लेकर उसने गूगल के जरिए वहां ठहरने के लिए एक होटल में के कमरा बुक कर 45 हजार रूपए का भुगतान कर दिया। बाद में महिला को पता चला कि कमरा बुक नहीं हुआ, जिसके बाद महिला ने माधवनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

तीन बार में दिए 45 हजार रूपए

दरअसल, शिवाजी पार्क कॉलोनी की रहने वाली 59 वर्षीय आशा भगत अपने कुछ परिचित के साथ ऋषिकेश जाने का प्लान बना रही थी। इसको लेकर उन्होंने गूगल के जरिए होटल सर्च किया और परमार्थ निकेतन आश्रम में कमरा बुक करने के लिए गूगल पर दिए गए नंबर से बातचीत की। इस दौरान उस नंबर के जरिए बातचीत करने वाले ने व्हाट्सएप के जरिए कमरे के फोटो भेजे। इसके बाद महिला से उन लोगों ने तीन बार में 45 हजार रूपए भुगतान करा लिया। हालांकि, बाद में महिला को पता चला कि कमरा बुक नहीं हुआ, जिस पर उसने माधवनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया।

आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

माधवनगर थाना पुलिस ने महिला के शिकायत पर मामले को दर्ज कर लिया है। इसको लेकर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करने के मामले में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News