Ujjain में सामूहिक आत्महत्या, तीन बेटियों के साथ पिता ट्रेन के सामने कूदा

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रेलवे ट्रेक पर एक पिता अपनी तीन बेटियों के साथ कूद गया (Father jumped in front of train with three daughters)  और चारों की जीवनलीला समाप्त हो गई। घटना  उज्जैन – नागदा रेल लाइन पर नई खेड़ी स्टेशन के पास की है। घटना स्थल पर मृतक की जेब से सुसाइड नोट मिला है जिसमें एक महिला द्वारा प्रताड़ित किये जाने की बात लिखी है। रेलवे पुलिस ने शवों का पंचनामा बनाकर शवों को पीएम के लिए भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक उज्जैन जिले के गोयला बुजुर्ग का रहने वाला 35 साल का रवि पांचाल आज सुबह अपनी तीन बेटियों अनामिका (12), आराध्या (8) और अनुष्का (7) साल को मोटर साइकिल पर लेकर स्कूल छोड़ने के लिए निकला था लेकिन गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर उज्जैन – नागदा रेल लाइन पर नई खेड़ी स्टेशन के पास पहुंचकर उसने एक मालगाड़ी के सामने बेटियों सहित छलांग लगा दी (Father commits suicide with three daughters) ।

Ujjain में सामूहिक आत्महत्या, तीन बेटियों के साथ पिता ट्रेन के सामने कूदा

जीआरपी टीआई आरएस महाजन के मुताबिक मालगाड़ी के लोको पायलट ने सूचना दी थी कि गाड़ी जब नई खेड़ी से थ्रू सिग्नल पर निकली तो उससे कुछ टकराया था। जीआरपी ने देखा तो उसे रेलवे लाइन के पास एक बाइक, बच्चों के स्कूल बैग और पटरियों और उसके आसपास चार शव पड़े मिले।

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उधर सीएसपी सुरभि मिश्रा मुताबिक रवि पांचाल ने 6 महीने पहले ही उज्जैन के इंदिरा नगर में मकान ख़रीदा था।  शुरुआती जांच में मृतक रवि के उसके गांव के पास के गांव की किसी महिला से अवैध संबंधों की बात भी सामने आई है।  कुछ दिन पहले वो उस महिला को उज्जैन वाले घर पर भी लेकर आया था।

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वहीं रवि को उसकी पत्नी द्वारा प्रताड़ित किये जाने की भी चर्चा है। पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें एक महिला के नाम का जिक्र है।  फ़िलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर सभी बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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