Mahakal: गर्मी से बचाने के लिए बाबा महाकाल के शीश पर बांधी गई गलंतिका, सतत प्रवाहित होगी जलधारा

विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में वैशाख शुरू होते ही गलंतिका का बांध दी गई है। बाबा को गर्मी से राहत देने के लिए ये परंपरा निभाई जाती है।

Diksha Bhanupriy
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Mahakal

Mahakal Mandir: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव की दिनचर्या पूरी तरह से मौसम के अनुरूप रहती है। जिस तरह से मौसम में बदलाव आता है वैसे ही महादेव की दिनचर्या में भी परिवर्तन किया जाता है। फिलहाल गर्मी काफी ज्यादा हो रही है और वैशाख कृष्ण प्रतिपदा पर महाकाल मंदिर में भगवान के शीश पर मिट्टी से निर्मित मटकियों की गलंतिका का बांधी गई जिससे अब सतत शीतल जलधारा प्रवाहित की जा रही है।

परंपरा के मुताबिक श्री महाकालेश्वर के मस्तक पर वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से लेकर ज्येष्ठ पूर्णिमा तक 2 महीने तक सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक जलधारा प्रवाहित की जाती है। ऐसा भोलेनाथ को गर्मी से बचने के लिए किया जाता है।


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