Ganga Dussehra Mahotsav Ujjain: उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर गंगा दशहरा उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। भागसीपुरा से निकलकर रथ पर सवार मां गंगा राम घाट पधारी। जहां पर पिशाच मौचन तीर्थ के सामने विधिवत पूजन अर्चन के साथ विराजित किया गया। अब जब तक मां यहां पर विराजित रहेंगी, विभिन्न तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन यहां पर किया जाएगा। मोक्षदायिनी मां शिप्रा के तट पर गंगा दशहरा मनाने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है।
उज्जैन में शुरू हुआ Ganga Dussehra Mahotsav
गंगा दशहरा महोत्सव के अलावा माता गंगा भानपुरा में विराजित रहती हैं और यहीं से धूमधाम से सवारी निकाल कर उन्हें रामघाट तक ले जाया जाता है। इस बार भी ढोल ढमाके के साथ रथ पर सवार सजी-धजी मां गंगा अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। यहां पहुंचने के बाद विधि विधान से उनका पूजन अर्चन किया गया।
पंचामृत पूजन अभिषेक के बाद माता का दिव्य श्रृंगार कर शाम को महा आरती का आयोजन भी किया जाता है। ज्येष्ठ प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक गंगा दशहरा उत्सव कार्यक्रम जारी रहता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
29 मई को परिक्रमा
गंगा दशहरा पर्व से एक और परंपरा 20 सालों से जुड़ी हुई है, जिसका निर्वहन इस बार भी किया जाएगा। शिप्रा सांस्कृतिक समिति द्वारा 29 मई से दो दिवसीय शिप्रा परिक्रमा यात्रा शुरू की जाएगी। 55 किलोमीटर की इस यात्रा में जल, नदी, वायु और पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए जन जागरूकता फैलाई जाती है। 30 मई को इस यात्रा का समापन होगा और पंचामृत पूजन अभिषेक कर मां शिप्रा को 400 मीटर लंबी चुनरी अर्पित की जाएगी।
अखाड़े का शाही स्नान
उज्जैन के नीलगंगा सरोवर पर भी गंगा दशहरा उत्सव 30 मई को मनाया जाएगा। इस दौरान 13 अखाड़ों के साधु संत, सिंहस्थ को तरह यहां पर पेशवाई निकालते हुए शाही स्नान करेंगे। शाम के समय माता गंगा को चुनरी अर्पण कर महाआरती का आयोजन किया जाएगा।