Ujjain News: विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) में पीएचडी परीक्षा में हुई धांधली का मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। इस धांधली को लेकर एक जांच समिति बनाई गई थी जिसकी फाइल में से दस्तावेज गायब हो गए थे। मामले को लेकर जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पत्र लिखा तो पुलिस का कहना है कि एफआईआर से पहले विश्वविद्यालय अपने स्तर पर जांच करें। जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी।
पुलिस के कहने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने गायब हुए दस्तावेज के लिए जांच करने हेतु एक समिति बनाने की फाइल कुलसचिव तक पहुंचा दी है। बता दें कि विक्रम विश्वविद्यालय ऑफिस से जांच समिति की फाइल से कुछ दस्तावेज गायब हुए थे। ये दस्तावेज 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा की धांधली के थे। इस मामले में विश्वविद्यालय की ओर से सिस्टम इंजीनियर विष्णु कुमार सक्सेना को निलंबित कर एफआईआर का आवेदन दिया गया था।
आवेदन में ये कहा गया था कि सक्सेना ने अवलोकन के लिए इस फाइल को लिया था और उसके बाद से ही दस्तावेज गायब है। वहीं पुलिस का कहना है कि विश्वविद्यालय को विभागीय स्तर पर जांच समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अगली कार्रवाई करेगी। विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव रमेश चंद्र सूर्यवंशी का कहना है कि पुलिस द्वारा दिए गए पत्र के साथ यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई फाइल कुलसचिव तक भेज दी गई है।
बनेगी दो जांच समिति
जानकारी के मुताबिक पीएचडी इस परीक्षा में हुई धांधली की जांच को लेकर 3 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। जांच कमेटी ने जैसे तैसे जांच पूरी कर दस्तावेज इकट्ठा किए थे लेकिन फाइल में गड़बड़ी कर दी गई। इसके बाद जांच समिति में शामिल तीनों सदस्यों ने समिति में रहने से इंकार कर दिया था। कुलपति द्वारा नई जांच समिति बनाने की तैयारी की जा रही थी और अब पुलिस विभाग के पत्र के बाद निश्चित तौर पर जांच समिति का गठन किया जाएगा।