अब बिना यूनिक नंबर के उज्जैन की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगे ई-रिक्शा, नियम उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

Diksha Bhanupriy
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Ujjain

Ujjain News: उज्जैन की सड़कों पर इन दिनों सबसे ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। जब से यहां महाकाल लोक का निर्माण हुआ है तब से पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है और बड़ी संख्या में लोग यहां पर घूमने फिरने के लिए पहुंच रहे हैं। ई रिक्शा उज्जैन आने वाले पर्यटकों के लिए एक सस्ता और अच्छा साधन है जिसके जरिए उन्हें एक से दूसरी जगह जाने में काफी आसानी होती है। शहर में कम से कम साढ़े 5 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा है। अब यातायात विभाग ने इन सभी का रिकॉर्ड अपडेट करने की तैयारी शुरू कर दी है।

उज्जैन यातायात विभाग द्वारा सभी ई-रिक्शा को यूनिक कोड दिया जा रहा है। इसके लिए ड्राइवर के लाइसेंस के माध्यम से उसका रिकॉर्ड चेक किया जाता है साथ यह पता किया जाता है कि उसके नाम को आपराधिक रिकार्ड दर्ज तो नहीं है। अगर सब कुछ सही पाया जाता है उसके बाद ही ई-रिक्शा को यूनिक कोड मिलेगा।

अब तक 2500 यूनिक कोड दर्ज

यातायात पुलिस द्वारा लगातार ई-रिक्शा चलाने वाले चालकों को यूनिक कोड लिए जाने के लिए जानकारी दी जा रही है। इसके तहत 4500 से ज्यादा रजिस्टर्ड रिक्शा में से 2500 पर यूनिक कोड दर्ज किया जा चुका है। लगातार अभियान चलाकर सभी ई-रिक्शा को कवर करने की कोशिश की जा रही है।

जरूरी हैं ये डॉक्यूमेंट

यातायात विभाग द्वारा जिन ई-रिक्शा को यूनिक कोड दिया जा रहा है उन्हें चलाने वाले चालकों के पास लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। अगर ड्राइवर का लाइसेंस और वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है तो ऐसे में यह कोड नहीं दिया जाएगा और वाहन को अवैध माना जाएगा। वहीं बिना यूनिक कोड दर्ज किए कोई भी ई-रिक्शा चालक अपने वाहन को सड़क पर नहीं चला सकेगा। अगर नियमों के विरुद्ध जाकर कोई चालक बिना कोड का वाहन सड़क पर दौड़ाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

शहर में कितने ई-रिक्शा

शहर में महाकाल लोक का निर्माण होने के बाद ई-रिक्शा की संख्या में भारी संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है। लोगों ने अपनी नौकरी छोड़कर ई-रिक्शा चलाना शुरु कर दिया है। कई बार तो जाम लगने पर एक के पीछे एक ई-रिक्शा की रेलमपेल लगी हुई नजर आती है। यातायात पुलिस की माने तो शहर में मार्ग की क्षमता से ज्यादा ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे में यूनिक नंबर दर्ज हो जाने के बाद सारे ई-रिक्शा चिन्हित हो जाएंगे इसी के साथ उन्हें चलाने वाले ड्राइवर की जानकारी भी पुलिस के पास मौजूद रहेगी। यूनिक कोड के माध्यम से अगर कोई अप्रिय स्थिति बनती है या किसी कार्रवाई की आवश्यकता पड़ती है तो नंबर के आधार पर मौजूद जानकारी देखकर प्रक्रिया तय की जा सकेगी।

बनेगा व्हाट्सएप ग्रुप

ई-रिक्शा को यूनिक नंबर दिए जाने के साथ ऑटो और ई-रिक्शा वालों की पूरी जानकारी कंप्यूटर में यातायात पुलिस के पास दर्ज रहेगी। इसी के साथ सभी चालकों का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा जो अलग-अलग सेक्टर में बांटा जाएगा। इस ग्रुप के जरिए चालकों को यातायात से संबंधित सूचनाओं की जानकारी मिलेगी और वह ट्रैफिक की स्थिति को पता कर सकेंगे।

सुरक्षा के लिहाज से अहम

सभी ई-रिक्शा पर यूनिक नंबर डाले जाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह यात्रा करने वाले यात्रियों की है। स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से आने वाले यात्री भी ई-रिक्शा का काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। जो लोग बाहर से उज्जैन आते हैं उन्हें शहर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है ऐसे में वह सुरक्षित आना-जाना कर सकें इसी को देखते हुए यह यूनिक नंबर दर्ज किए जा रहे हैं। यूनिक नंबर के साथ चालक की पूरी जानकारी यातायात पुलिस के पास मौजूद रहेगी जिससे एक तरह से अपराधों पर लगाम लगाई जा सकेगी।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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