ग्वालियर गौरव दिवस के रूप में मनेगा अटल जी का जन्मदिन, सुरेश वाडकर की प्रस्तुति बिखेरेगी रंग, विभूतियाँ होंगीं सम्मानित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पिछले साल ग्वालियर दुर्ग पर आयोजित ताल दरबार कार्यक्रम के दौरान की गई घोषणा के अनुसार ग्वालियर गौरव दिवस के अवसर पर तबला दिवस भी मनाया जायेगा।

Atul Saxena
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Atal Bihari Vajpayee birthday 25th December: ग्वालियर के लाड़ले सपूत, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन इस साल भी “ग्वालियर गौरव दिवस” के रूप में हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। अटल जी के जन्मदिन 25 दिसम्बर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में कार्यक्रम आयोजित होगा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बतौर मुख्य अतिथि इसमें शामिल होंगे। इस अवसर पर अटल सम्मान एवं ग्वालियर गौरव सम्मान प्रदान किए जायेंगे।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज सोमवार को ग्वालियर गौरव दिवस कार्यक्रम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को आयोजन से संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही कहा कि समारोह की गरिमा को ध्यान में रखकर सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दें।

सुरेश वाडकर और उनका बैंड बिखेरेगा स्वर लहरियों के रंग 

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन में पार्श्व गायक सुरेश वाडकर एवं उनके बैंड की प्रस्तुति होगी जो मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी। इसके साथ ही अन्य रंगारंग प्रस्तुतितियाँ भी होगी। कार्यक्रम के तहत शिक्षा, खेल, योग, चिकित्सा, समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण एवं अन्य विधाओं में उल्लेखनीय काम कर रहीं ग्वालियर की विभूतियों को ग्वालियर गौरव सम्मान से विभूषित किया जायेगा। समारोह में अटल जी के जीवन चरित्र पर केन्द्रित लघु फिल्म भी दिखाई जायेगी। साथ ही प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।

CM डॉ मोहन यादव की घोषणा के मुताबिक तबला दिवस भी मनेगा

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पिछले साल ग्वालियर दुर्ग पर आयोजित ताल दरबार कार्यक्रम के दौरान की गई घोषणा के अनुसार ग्वालियर गौरव दिवस के अवसर पर तबला दिवस भी मनाया जायेगा। इस अवसर पर शहर के कलाकार तबला वादन प्रस्तुत करेंगे। 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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