Road Construction In Ujjain: टाटा सीवरेज प्रोजेक्ट के चलते शहर की सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है। अब ये फिर से सुधारी जाएगी, जिसके लिए शासन द्वारा नगर निगम को 7 करोड रुपए दिए गए हैं। तकरीबन 12 सड़कों का चयन किया गया है, जिनका कायाकल्प किया जाएगा। हालांकि, इन सड़कों के मरम्मत और सौंदर्यीकरण के दौरान निगम को बहुत ध्यान रखना होगा क्योंकि शासन ने बजट तो जारी किया है, लेकिन इसी के साथ कुछ शर्ते भी अनिवार्य की है। ताकि लंबे समय तक ये सड़के सुरक्षित बनी रहे।
उज्जैन में Road Construction
रोड निर्माण के लिए जो सबसे जरूरी शर्त है, वो ये है कि उन्हीं सड़कों का निर्माण किया जाए जहां पर सीवरेज खुदाई का काम कंप्लीट हो गया है। ताकि इन्हें वापस से ना खोदना पड़े। इसी के साथ जिन सड़कों का कायाकल्प होने जा रहा है, वह आंतरिक मार्ग नहीं बल्कि प्रमुख रोड होनी चाहिए। पीडब्ल्यूडी की सड़के इसमें शामिल नहीं है।
कायाकल्प अभियान के अंतर्गत शहर की सड़कों के डामरीकरण हेतु शासन से राशि स्वीकृत हुई है जिसके क्रम में गुरुवार को वार्ड क्रमांक 12 दानी गेट से लेकर चक्रतीर्थ चौराहे तक 16 लाख रुपए की लागत से डामरीकरण कार्य का भूमि पूजन संपन्न किया गया pic.twitter.com/UrfkEGN0aM
— मुकेश टटवाल (@iMukeshTatwal) May 25, 2023
रोड की लंबाई कम से कम 300 मीटर होनी चाहिए। निगम को इस निर्माण में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा क्योंकि टाटा का काम अभी भी शहर में जारी है। शादी गई है लेकिन कनेक्शन अभी तक नहीं दिए गए हैं ऐसे में सड़के बनाने से पहले टाटा के साथ सामंजस्य बैठक समझना होगा कि कहां कैसा काम किया गया है, नहीं तो सड़क बनने के बाद उसे खोदने की नौबत आ जाएगी।
सड़क बनी चैंबर बंद
विद्यानगर स्थित महापौर निवास के बाहर 500 मीटर की वीआईपी सड़क बनाई गई है। ये बिना किसी टेंडर और मद के तैयार हुई है और जानकारी के मुताबिक इसे टाटा कंपनी में तैयार किया है। अब सड़क तो तैयार हो गई है लेकिन इसमें सबसे बड़ी खामी ये है की एजेंसी ने चेंबर की जगह नहीं छोड़ी है, जिसके चलते जब कनेक्शन दिए जाएंगे तो काफी मशक्कत करना होगी। जब ये मामला आलाधिकारियों के सामने पहुंचा तो उनका कहना है कि रोड बनाई है, तो चैंबर तो दिखाना ही चाहिए इसकी जांच करवाई जाएगी।