Mahakal Lok Video Viral: महाकाल लोक में बीते दिनों मूर्तियां गिरने की जो घटना हुई है, वो लगातार चर्चा में बनी हुई है। अब यहां का एक वीडियो देखने के बाद साधु संत नाराज हो गए हैं और उनका कहना है कि भगवान शिव और नारद मुनि का जिस तरह से वीडियो के माध्यम से दुरुपयोग किया गया है,वह संस्कृति और सनातन धर्म के खिलाफ है।
साधु संतों का कहना है कि कांग्रेस को इस तरह से धर्म का मजाक नहीं बनाना चाहिए। यह सब सहन नहीं किया जाएगा और अगर इसे नहीं रोका गया तो हम कोर्ट की शरण में जाएंगे। मामले में महामंडलेश्वर शैलेशानंद का कहना है कि राजनीति में हम गिरती हुई भाषा का प्रयोग होते हुए देख रहे हैं। अब इन सब के बीच हमारे आराध्य देवों को भी खींचा जा रहा है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है।
Mahakal Lok Video पर बवाल
बता दें कि महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने के मामले में भगवान शिव और नारद मुनि के बीच बातचीत का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो के अंत में भोलेनाथ कहते हैं कि अब कमलनाथ को लाना ही होगा। 40 सेकंड के वीडियो पर साधु-संतों ने सनातन धर्म का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। संत समाज का कहना है कि इस तरह से धर्म का मजाक उड़ाना बिल्कुल भी सही नहीं है। दूसरी और भाजपा भी हमलावर होती दिखाई दे रही है और नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की मति मारी गई है।
सीरियल की फुटेज को किया एडिट
यह जो वीडियो बनाया गया है वह टीवी पर आने वाले महादेव सीरियल के कुछ पार्ट को एडिट और डब कर बनाया गया है। वीडियो में मूर्तियां गिरते हुए देख नारद मुनि कहते हैं कि महाकाल लोक की यह दुर्दशा कैसे हुई। नाराज होते हुए कहते हैं कि मैं अच्छे से जानता हूं, वहां पर क्या हुआ है। रक्षक ही भक्षक बन गए हैं।
बता दें कि 28 मई की शाम को आई आंधी और बारिश की वजह से महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषि की 7 में से 6 मूर्तियां गिरने के बाद टूट गई थी। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस लोक को तैयार करने में 80% कमीशन खाया है। वहीं प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने लोकायुक्त एनके गुप्ता को मामले की जांच से दूर करने और लोकायुक्त के सरकार के इशारे पर काम करने की बात कही थी।