Mahakal Sawari: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार से आज भादो मास की पहली सवारी निकलने वाली है। सावन माह की सवारी निकल चुकी है और अब भादो मास की सवारी निकलने का क्रम शुरू होगा। आज जन्माष्टमी का विशेष अवसर भी पड़ रहा है और भक्त बाबा महाकाल के एक साथ 6 रूपों में दर्शन कर सकेंगे।
बाबा महाकाल की सावन भादो मास में निकलने वाली सवारी के दर्शन करने के लिए देश और दुनिया भर से लोग पहुंचते हैं। इस बार भी सावन की शुरुआत से ही उज्जैन में भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है। आज जन्माष्टमी का शुभ संयोग होने से सवारी देखने के लिए अधिक संख्या में लोग उपस्थित होंगे। इस दौरान गोपाल मंदिर पर हरि और हर का अदभुत मिलन भी देखा जाएगा।
6 रूपों में दर्शन देंगे महाकाल
आज निकलने वाली सवारी में राजाधिराज पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा महेश और होलकर तथा घटाटोप रूप में दर्शन देंगे। शाम 4 बजे मंदिर से सवारी निकलने का क्रम शुरू होगा। जो शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई शिप्रा तक पहुंचेगी और यहां से परंपरागत मार्ग से होते हुए पुनः मंदिर लौटेगी।
हरि और हर का मिलन
बाबा महाकाल की सवारी शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ शुरू होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों के टुकड़ी बाबा को सलामी देगी। इसके बाद महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए पालकी रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से बाबा का अभिषेक पूजन करने के पश्चात पुनः सवारी का क्रम शुरू होगा। जो दानी गेट, ढाबा रोड, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां हरि और हर का अदभुत मिलन होगा क्योंकि आज जन्माष्टमी है। इसके बाद पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल चौराहा होते हुए पालकी वापस मंदिर पहुंचेगी।
कलाकार देंगे प्रस्तुति
इस बार बाबा महाकाल की हर सवारी में जनजाति कलाकारों को लोक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए देखा जा रहा है। आज निकलने वाली सवारी में बैतूल के जनजातीय कलाकारों का दल गोंड जनजाति का थातिया नृत्य प्रस्तुत करेगा।