Ujjain News: मंदाकिनी पुरी पर लगा ठगी का आरोप, आयुर्वेद उत्पाद को मंगवाकर नहीं किया भुगतान

कंपनी मालिक संदीप शर्मा ने बताया कि वह कई तरह के आयुर्वैदिक उत्पाद साबुन, शैंपू, जेल, जूस जैसे तमाम उत्पादों को ऑर्डर मिलने पर तैयार करवाते हैं।

Shashank Baranwal
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Gwalior News

Ujjain News: मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन से ठगी का एक मामला सामने आया है, जहां निरंजनी अखाड़े से निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी पर ठगी का आरोप लगा है। दरअसल, उन्होंने जयपुर की एक हर्बल कंपनी को आयुर्वेद उत्पाद तैयार करने के लिए कहा था। इस दौरान उन्होंने उत्पादों पर खुद के नाम और फोटों को प्रिंट करवाया था। वहीं, कंपनी द्वारा उत्पाद को भेज दिया गया, लेकिन महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी द्वारा पैसे नहीं चुकाए गए।

उत्पाद पर खुद के नाम व फोटों छपवाया

जानकारी के मुताबिक, आयुर्वेद कंपनी के मालिक संदीप शर्मा ने बताया कि साल 2022 में मंदाकिनी द्वारा हर्बल उत्पाद तैयार करने की बात कही गई थी। इस दौरान संदीप शर्मा ने बताया कि वह कई तरह के आयुर्वैदिक उत्पाद साबुन, शैंपू, जेल, जूस जैसे तमाम उत्पादों को ऑर्डर मिलने पर तैयार करवाते हैं। वहीं, कंपनी के मालिक के मुताबिक, मंदाकिनी पुरी को तकरीबन 1,75,000 रूपए के सामान को भेज दिया गया था, जिस पर उनके फोटों और नाम भी छपे थे। हालांकि, उनके द्वारा सामान का पैसा नहीं भेजा गया था। इसके बाद उनसे संपर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात न हो सकी।

वहीं, कंपनी के मालिक ने बताया कि उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है, जिसको लेकर उन्होंने महंत रविंद्रपुरी से फोन के जरिए बातचीत की। वहीं जब जानकारी पक्की निकली तो संदीप शर्मा ने कहा कि रविंद्रपुरी को इस मामले को लेकर शिकायत व्हाट्सएप के जरिए भेजूंगा।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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