उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने उज्जैन में शिप्रा नदी के राम घाट पर महाकाल सवारी की पालकी का पूजन किया। पूजन के बाद उन्होने कहा कि उज्जैन में एयरपोर्ट बन सकता है। सिंधिया ने कहा कि उज्जैन स्थित हवाई पट्टी का विस्तारीकरण होगा, इस योजना पर विचार किया जा रहा है।
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उज्जैन में भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सातवें सोमवार की सवारी शाम 4 बजे परम्परानुसार बड़े धूमधाम से निकली। शाही सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर ने 7 विभिन्न स्वरूपों में अपनें भक्तों को दर्शन दिये। इनमें रजत पालकी में श्री चन्द्रमोलीश्वर, हाथी पर रजत के सिंहासन में विराजित श्री मनमहेश साथ ही श्री शिव-तांडव, श्री उमा-महेश, श्री घटाटोप, श्री सप्तधान मुखारविन्द व श्री होल्कर स्टेट का मुखारविन्द ने एक रथ पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन दिये।
शिप्रा नदी पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महाकाल की पालकी का पूजन किया।
सवारी निकलने के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में सभी परपंरानुसार भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय पर भगवान श्री महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा व आशीष पुजारी द्वारा सम्पन्न करवाया गया। सभामंडप में पालकी का पूजन कलेक्टर आशीष सिंह, उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव और नवागत पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने सपरिवार किया। पूजन के बाद पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया गया। इस दौरान महंत विनीत गिरी, मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर.पी.गहलोत, आर.के. तिवारी आदि उपस्थित रहे।
नगर भ्रमण पर निकलने से पहले पालकी में विराजित श्री चन्द्र्मौलीश्वर ने भगवान श्री साक्षी गोपाल से भेंट की और वस्त्र व मिष्ठान्न इत्यादि सामग्री भेंट की। हरि से हर के मिलन का सुखद संयोग देखते ही बन रहा था। श्री साक्षी गोपाल से भेंट के पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर परिसर स्थित श्री सिद्धी विनायक मंदिर पर अपने पुत्र से मिले व श्री सिद्धी विनायक को पोशाक व मिष्ठान आदि भेंट किया। पालकी जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुची, वहां पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी दी गयी। सम्पूर्ण मंदिर परिसर व मुख्य द्वार पर फूलों की सजावट, रंगबिरंगी अतिशबाजी व पुष्प वर्षा के वातावरण से श्रद्धालु बाबा श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर उनकी भक्ति में लीन दिखायी देते रहे।