उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन में महाकाल विस्तारीकरण के लिए चल रही खुदाई में प्राचीन मूर्तियों और 1000 वर्ष पुराने मंदिर के ढांचे के साथ अब खुदाई में नर कंकाल भी निकल रहे हैं। पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी बताते हैं कि मानव हड्डियों के साथ ही जानवरों की हड्डियां भी निकल रही है, लेकिन खुदाई के समय इस तरह की हड्डियां नर कंकालों का निकलना सामान्य बात है। खुदाई के दौरान जो हड्डियां निकल रही है उनका परीक्षण किया जाएगा।
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दरअसल उज्जैन में स्मार्ट सिटी के तहत महाकाल मंदिर विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है। मई माह से हुई खुदाई की शुरुआत में पहले तो खुदाई में छोटी-छोटी मूर्तियां और कुछ दीवारें मिली। जब यह पता लगा कि यह मूर्तियां अति प्राचीन है तो उज्जैन कलेक्टर ने भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम को उज्जैन बुलवाया और उन्हीं की देखरेख और संरक्षण में यह खुदाई करवाई गई। धीरे-धीरे खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई गई भगवानों की अलग-अलग मूर्तियां और करीब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा भी मिला। लेकिन अब जैसे-जैसे खुदाई होती जा रही है, यह कई चौंकाने वाले रहस्य उगल रही है। अब खुदाई में जगह जगह से मानव नर कंकाल और और हड्डियां निकल रही है, जो कि एक बड़ा शोध का विषय है।
खुदाई कर रहे शोधकर्ता डॉक्टर गोविंद सिंह बताते हैं कि खुदाई के दौरान मानव नर कंकाल और उसकी हड्डियां निकल रही है और इनका अलग से परीक्षण किया जाएगा। इसी के साथ उन्होने कहा कि इस तरह की खुदाई में नर कंकालों और जानवरों की हड्डी निकलना सामान्य बात है। लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि जब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा निकला है और उस समय कि इन पुरातत्व धरोहरों से यह पता चलता है की मुगलों द्वारा जब मंदिरों पर हमला कर लूटपाट की गई थी उसके प्रमाण इन मंदिरों पर मिल रहे हैं। बहरहाल इन नर कंकाल और हड्डियों के बारे में प्रामाणिक जानकारी पूरी जांच के बाद ही मिल पाएगी।