“विक्रमोत्सव 2023” उज्जैन में 18 फरवरी से, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Atul Saxena
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Vikramotsav 2023 : विक्रमोत्सव 2023 उज्जैन में 18 फरवरी से 22 मार्च तक आयोजित किया जायेगा, कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उज्जैन में विक्रमोत्सव 2023 के लिए प्रारंभ तैयारियों को तय समय पर पूरा किया जाए। श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद उज्जैन आने वाले राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। इस नाते विक्रमोत्सव में की जाने वाली गतिविधियों को जनाकर्षण का केन्द्र बनाया जाए।

सीएम शिवराज ने दिए ये निर्देश

सीएम शिवराज ने कहा कि वर्ष 2022 में उज्जैन में शिव दीपावली पर लाखों दीपक अर्पित किए गए, उज्जैन के नागरिकों की भागीदारी सराहनीय रही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के विक्रमोत्सव के प्रथम दिवस दीप अर्पित करने का कार्यक्रम वृहद और गरिमामय होना चाहिए। इसके लिए प्रयास किए जाएँ, जिससे कार्यक्रम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव उपस्थित थे। संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर वर्चुअली सम्मिलित हुई। अपर मुख्य सचिव शैलेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह, पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक एस. विश्वनाथन, संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, संचालक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ श्रीराम तिवारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

विक्रमोत्सव 2023 की प्रमुख गतिविधियाँ

विक्रमोत्सव में महाशिवरात्रि से वर्ष प्रतिपदा तक भक्ति गायन, प्रदर्शिनी, हस्तशिल्प व्यापार मेला, नाट्य प्रस्तुति, पुस्तक मेला, भजन मंडलियों की स्पर्धा, फिल्म समारोह, राष्ट्रीय वेद समागम, राष्ट्रीय युवा विज्ञान सम्मेलन, कवि सम्मेलन, प्रकाशन लोकार्पण, विभिन्न देशों के दलों द्वारा रामायण और महाभारत के प्रसंगों की प्रस्तुतियों के अलावा “वृहत्तर भारत में संस्कृति साहित्य और पुरातत्व” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। सृष्टि आरंभ दिवस, वर्ष प्रतिपदा पर प्रख्यात पार्श्व गायिकाएँ अपने संगीत दलों के साथ मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।

ये संगठन भी करेंगे सहयोग

विक्रमोत्सव के दौरान विक्रम पंचांग और विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के लोकार्पण कार्यक्रम भी रखे जाएंगे। शासन के विभिन्न विभाग, महाराज विक्रमादित्य शोधपीठ, स्वराज संस्थान संचालनालय, विक्रम विश्वविद्यालय, महार्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय, सांदिपनि वेद विद्यालय, अवंतिका विश्वविद्यालय, आचार्य वाराहमिहिर वेधशाला सहित अन्य सामाजिक संगठन गतिविधियों में सहयोग करेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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