बाबा महाकाल की आगामी सवारियों को लेकर क्या हुआ बदलाव? जानें यहाँ

कलेक्टर ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश, नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थलों पर लगाई गई एलईडी के माध्यम से सुचारू रूप से सवारी का लाइव प्रसारण किया जाए।

Amit Sengar
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Ujjain News : अवंतिका नगरी के राजा बाबा महाकाल श्रावण मास में प्रजा का हाल जानने और नगर भ्रमण पर निकलते है, हर वर्ष की भांति इस बार भी पहली सवारी निकाली गई। मगर अब आगामी सवारियों को लेकर कुछ बदलाव किए है, आइये जानते है…

आगामी सवारियों में 350 जवानों का पुलिस बैंड और 1000 कलाकारों द्वारा डमरू से दी जाएगी प्रस्तुति

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा है कि बाबा महाकाल की सवारी की व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत बनाएं। भगवान की सवारी के श्रद्धा,उत्साह , उमंग और आकर्षण के क्रम में 29 जुलाई को सवारी में जनजातीय दलों के प्रस्तुतियां के साथ 350 जवानों के पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद आगामी सवारी में नासिक, काशी से आए कलाकारों के डमरू की प्रस्तुतियां होगी।

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दत्त अखाड़ा पर भी भारतीय संगीत के परंपरागत वाद्ययंत्रों की होगी प्रस्तुतियां

बाबा महाकाल की आगामी सवारियों में दत्त अखाड़ा में भारतीय संगीत के परंपरागत वाद्य यंत्रों में केंद्रित प्रस्तुतियां भी होगी। संबंधित विभागों द्वारा समुचित तैयारियां सुनिश्चित की जाए। बुधवार को प्रशासनिक संकुल भवन में कलेक्टर सिंह ने श्रावण -भादौ मास की व्यवस्थाओं, बाढ़ आपदा नियंत्रण सहित अन्य शासकीय योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।

सवारी में डीजे के उपयोग को करें प्रतिबंधित 

कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिए की हरसिद्धि पाल सहित बाबा महाकाल की सवारी के प्रमुख पॉइंट्स पर और बेहतर व्यवस्थाएं की जाए। सवारी में सम्मिलित होने वाली मंडलियों को ताकीद किया जाए कि ढोल, मंजीरे, डमरू इत्यादि परंपरागत वाद्य यंत्रों के अतिरिक्त डीजे आदि का उपयोग न करें। नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थलों पर लगाई गई एलईडी के माध्यम से सुचारू रूप से सवारी का लाइव प्रसारण किया जाए।

उज्जैन से राजेश कुल्मी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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