यूनेस्को का दल ग्वालियर में, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का किया सर्वे

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। यूनेस्को ने अपनी “हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप परियोजना” में ऐतिहासिक नगर ग्वालियर व ओरछा का चयन किया है। इस योजना के तहत सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक विरासत को संरक्षित करते हुए ग्वालियर शहर का समावेशी एवं सुनियोजित विकास किया जाएगा। इस सिलसिले में यूनेस्को का चार सदस्यीय सलाहकार दल इन दिनों सर्वे के लिए ग्वालियर दौरे पर आया हुआ है। सर्वे दल ने इस दौरान शहर की विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को देखा और उसके बाद आज बुधवार को कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एवं नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की ।

ग्वालियर में सर्वे के लिए आये यूनेस्को की टीम के सदस्यों में ग्वालियर में लश्कर, मुरार, हजीरा सहित ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया है। टीम ने अचलेश्वर मंदिर से सर्वे की शुरुआत की। उसके बाद जयविलास पैलेस गेट, कटोराताल रोड (निर्माणाधीन स्मार्ट रोड), सिंधिया छत्री, एमएलबी कॉलेज, केआरजी कॉलेज, महाराज बाड़ा, केंद्रीय पुस्तकालय, म्यूजियम देखा।  यूनेस्को की टीम लश्कर क्षेत्र के बाजारों सराफा बाजार, दौलतगंज आदि क्षेत्रों में बने पुराने ऐतिहासिक मकान भी देखे।  टीम ने बैजा ताल, चौपाटी, मोतीमहल परिसर भी देखा, टीम हजीरा क्षेत्र में भी गई मोहम्मद गॉस का मकबरा, तानसेन की समाधि देखी , मुरार क्षेत्र के बाजारों में भी टीम घूमी, ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीम गई।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....