MP Employees News: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। राज्य की मोहन यादव सरकार ने कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर और प्रमोशन के संबंध में एक नया नियम लागू किया है। इसके तहत अगर कोई कर्मचारी प्रमोशन लेने से मना करता है तो उसे उच्च वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा।इस फैसले से प्रदेश के साढ़े 7 लाख कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। इधर, राज्य सरकार के आदेश के जारी होते ही कर्मचारी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी कर्मचारी ने ट्रांसफर के डर से प्रमोशन से इंकार किया तो उन्हें उच्चतर वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाएगा। कोई कर्मचारी उच्चतर वेतनमान का लाभ लेने के बाद पदोन्नति लेने से इंकार कर देता है तो कर्मचारी को पहले से मिलने वाली बढ़ी हुई सेलरी के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन ऐसे कर्मचारी को भविष्य में किसी भी उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा.
क्या लिखा है सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में
- सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि ऐसे शासकीय सेवक, जिन्हें क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है, को जब उच्च पद पर पदोन्नत किया जाता है और वह ऐसी पदोन्नति लेने से इंकार करता है तो उसे प्रदान किए गए क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जावे।
- पदोन्नति आदेश में भी इसका स्पष्ट उल्लेख किया जावे कि यदि शासकीय सेवक इस पदोन्नति का परित्याग करता है तो उसे पदोन्नति के एवज में, पूर्व में प्रदान किए गए क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ भी समाप्त कर दिया जावेगा।
- उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ लेने के पश्चात यदि कोई कर्मचारी बाद में नियमित पदोन्नति स्वीकार करने से इंकार करता है तो उसे पूर्व से स्वीकृत उच्चतर वेतनमान के अंतर्गत वित्तीय लाभ वापस नहीं लिया जावेगा, परन्तु बाद में उसे कोई उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ देय नहीं होगा। उपरोक्त निर्देश जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होंगे तथा पुराने निर्णित प्रकरण पुनः नहीं खोले जायेंगे।