UPSC उम्मीदवारों को मिलेगा एक और अटेंप्ट का मौका, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। यूपीएससी की तैयारी (UPSC Preparation) करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। कोरोनाकाल में यूपीएससी की परीक्षा (UPSC exam) देने वाले उम्मीदवारों (Candidates) जिनका यह साल आखिरी अटेंप्ट था। उन्हें अब अतिरिक्त अटेंप्ट का मौका मिलेगा। जी हां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अतिरिक्त अटेंप्ट (Additional Attention) के लिए एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसके लिए केंद्र सरकार (Central government) ने मंजूरी दे दी है। अब यूपीएससी सिविल सर्विसेज (UPSC Civil Services) की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों (Candidates) को अतिरिक्त अटेंप्ट का मौका मिलेगा।

उम्र सीमा बढ़ाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें मांग रखी गई थी कि कोरोनाकाल के दौरान जिन कैंडीडेट्स (Candidates) का यूपीएससी (UPSC) में अंतिम प्रयास था और वह अब इस साल एग्जाम नहीं दे सकते। उन्हें एक मौका और मिलना चाहिए। जानकारी के अनुसार, यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Preliminary Examination) मई में होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते यह परीक्षा 4 अक्टूबर आयोजित की गई थी।

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UPSC कैडीडेट्स को मिलेगा एक और मौका

इसी संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सितंबर 2020 में केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया था कि उन छात्रों को उम्र की सीमा में छूट दिया जाए, जिनका इस साल अंतिम प्रयास है, साथ ही परीक्षा के लिए अतिरिक्त अटेंप्ट (Additional Attention) भी दिया जाए। जिसके बाद 26 अक्टूबर को कोर्ट को और छात्रों को बताया गया कि उन्हें अतिरिक्त मौका दिए जाने को लेकर भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) द्वारा विचार किया जा रहा है। इस संबंध में, ’22 जनवरी को केंद्र ने कहा कि वह यूपीएससी के उम्मीदवारों (UPSC candidates) को एक और मौका देने के लिए राजी नहीं है। क्योंकि ऐसा करने पर पूरी कार्यप्रणाली पर विपरीत असर होगा। खास कर समानता अवसर दिए जाने के नियम का उल्लंघन माना जाएगा। इस कारण हम इस पक्ष में नहीं है।’

8 से 17 के बीच संपन्न हुई थी UPSC मेन्स 2020 की परीक्षा

सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा 2020 संपन्न हो चुकी है। जिसका आयोजन 8 जनवरी से 17 जनवरी के बीच किया गया था। बता दें कि UPSC प्री में क्वालिफाई होने वाले करीब 10 हजार कैडीडेट्स को UPSC मेन्स के लिए चिन्हित किया गया था। जिन्होंने UPSC मेन्स 2020 की परीक्षा दी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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