Vande Bharat Train: इंदौर से भोपाल के बीच चलाई जा रही है सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत में तमाम तरह की सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके बावजूद भी ट्रेन को पर्याप्त यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। हालत यह है कि इस ट्रेन की 76.32% सीटें खाली रहती है। इस सब की वजह है ट्रेन का महंगा किराया जिसकी वजह से यात्रियों ने इससे दूरी बनाई हुई है।
कितने यात्रियों ने किया सफर
बीते 1 महीने में इंदौर से भोपाल के बीच 26 दिन वंदे भारत ट्रेन का आना जाना हुआ है। इतने दिनों में 3262 यात्रियों ने ही इस ट्रेन का सफर किया है। इसमें ऐसी चेयर कार में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 3037, तो एग्जीक्यूटिव कार में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 225 है। ट्रेन की दोनों श्रेणियों में 530 सीट है इस हिसाब से जितने यात्रियों को सफर करना था उसका आधा प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है।
इतना है किराया
27 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल की रानी कमलापति स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इंदौर के लिए रवाना किया था। 28 जून से इसका नियमित संचालन शुरू हुआ और तब से ही यात्रियों का टोटा देखा जा रहा है। इस ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को इंदौर से भोपाल के बीच सीसी श्रेणी के लिए 810 रुपए और ईसी श्रेणी के लिए 1510 रुपए चुकाने पड़ते हैं। इसमें नाश्ता भी उपलब्ध है।
वहीं भोपाल से इंदौर के बीच का किराया सीसी में 910 रुपए और ईसी में 1610 रुपए है। इसके साथ भोजन भी दिया जाता है। इतना ज्यादा किराया ही यात्रियों द्वारा इस ट्रेन से दूरी बनाए जाने की सबसे बड़ी वजह है। यह ट्रेन इंदौर से सुबह 6:30 बजे रवाना होती है और इसके ठीक 5 मिनट बाद इंटरसिटी चलती है जिसका किराया सीसी में 365 और सामान्य में 100 रुपए होता है। यही वजह है यात्री वंदे भारत का सफर करना कम पसंद कर रहे हैं।
कम हो सकता है किराया
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों की कमी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने रेलवे जोन को किराया कम करने के अधिकार दिए हुए हैं। इसमें रेलवे द्वारा किराए को लेकर समीक्षा की जा रही है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रेन के किराए में 20 से 25% की कटौती की जा सकती है।