ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (Gwalior) के चिरवाई नाके पर लगी सम्राट मिहिर भोज (Mihir Bhoj) की प्रतिमा अनावरण के बाद से ही विवादों में हैं। मूर्ति के नीचे लगी पट्टिका को लेकर क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज आमने सामने हैं। अब इस मामले में ग्वालियर हाई कोर्ट ने दखल दिया है। हाई कोर्ट (Gwalior High Court) ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए निर्देश दिए हैं कि फिलहाल मूर्ति के नीचे लगी पट्टिका को ढँक दिया जाये। हाई कोर्ट ने कलेक्टर द्वारा पिछले दिनों बनाई गई कमेटी में भी बदलाव के निर्देश दिए हैं।
पिछले करीब एक पखवाड़े से विवाद का कारण बनी सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर ग्वालियर हाई कोर्ट ने दखल दिया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने शनिवार को को निर्देश दिए कि राजा मिहिर भोज के नाम के साथ मूर्ति के नीचे लगी जाति को प्रदर्शित करने वाली पट्टिका को फिलहाल ढंक दिया जाए। याचिकाकर्ता के वकील सुरेश अग्रवाल के मुताबिक ग्वालियर हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई पर आदेश देते हुए कमेटी को 3 हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामले की अगली की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
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हाई कोर्ट ने एक और आदेश दिया कि कलेक्टर द्वारा इस मामले को लेकर 15 सितम्बर को बनाई कमेटी में संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना को चेयरमेन और आईजी ग्वालियर रेंज को वाइस चेयरमेन की हैसियत से शामिल किया जाये साथ ही गुर्जर समाज से आरबीएस घुरैया और क्षत्रिय समाज के डी पी सिंह को सदस्य के रूप में शामिल किया जाये ।
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गौरतलब है कि 15 सितंबर को कलेक्टर द्वारा बनाई गई कमेटी में जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसके द्विवेदी और केआरजी कॉलेज के प्रोफेसर संजय स्वर्णकार के अलावा लश्कर एसडीएम अनिल बनवारिया और सीएसपी आत्माराम शर्मा को शामिल किया गया था।
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आपको बता दें कि ग्वालियर के चिरवाई नाके पर लगी राजा मिहिर भोज की प्रतिमा का पिछले दिनों अनावरण हुआ था अनावरण के समय प्रतिमा नीचे जो पट्टिका लगी है उसपर मिहिर भोज के नाम के साथ गुर्जर सम्राट लिखा है, गुर्जर समाज राजा मिहिर भोज को अपना बताता है जबकि क्षत्रिय समाज राजा भोज को अपने समाज का बताता है। इसे लेकर ग्वालियर सहित कई जगह दोनों समाजों ने प्रदर्शन चक्काजाम भी किया था विवाद का असर ग्वालियर चम्बल संभाग में भी दिखाई दिया जिससे हाथी भाईचारा बिगड़ने की नौबत आ गई थी।