रायपुर डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) का एक वीडियो सहारा (Sahara) के निवेशकों के बीच जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री कहते नजर आ रहे हैं कि उनकी प्राथमिकता सहारा के निवेशकों का पैसा वापस दिलवाना है और इसीलिए कंपनी के कर्ताधर्ताओं को मोहलत दी गई है। अकेले छत्तीसगढ़ राज्य में सहारा के निवेशकों द्वारा अब तक 50 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज कराने के बावजूद कंपनी के कर्ताधर्ता कानून की पकड़ से बाहर है।
देश भर के करोड़ों निवेशकों का खरबो रुपया डकार कर बैठी सहारा इंडिया कंपनी के खिलाफ अभी तक देश भर में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। अकेले छत्तीसगढ़ की बात करें तो कम से कम 15 हजार करोड रुपए निवेशकों के फंसे हैं लेकिन कंपनी देने का नाम नहीं ले रही। सहारा की विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो के ऊपर 50 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज है और कुछ दिन पहले राजनांदगांव जिले में कोर्ट के आदेश के बाद कोऑपरेटिव सोसाइटी के चार डायरेक्टरों को गिरफ्तार भी किया गया था।
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कंपनी के द्वारा 10 करोङ रू का चेक देने के बाद इन लोगों की जमानत हो गई थी। जमानत पाकर डायरेक्टर तो रिहा गए लेकिन चेक बाउंस हो गया। यानि कंपनी ने एक बार फिर बंद बदनीयति दिखाई। आमतौर पर चेक बाउंस के मामले में तत्काल कार्रवाई की जाती है और चेक बाउंस एक आपराधिक कृत्य होने के कारण राजनांदगांव जिला प्रशासन को इस पर कानूनी कार्रवाई करनी थी लेकिन प्रशासन अब तक मौन है।
इतना ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में 50 से ज्यादा f.i.r. सहारा इंडिया के खिलाफ दर्ज है लेकिन सरकार निवेशकों का पैसा वापस लौटाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। ऐसे में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान लाल बहादुर नगर में जनता से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सहारा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही तो की ही जाएगी लेकिन प्राथमिकता लोगों का पैसा वापस दिलवाना है।
सहारा के लोगो ने हमारे अधिकारियों से संपर्क किया है और उन्होंने कुछ समय मांगा है और इसीलिए उन्हें मोहलत दी गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजनांदगांव का उदाहरण सबके सामने है जहा कंपनी ने 10 करोङ रू का चेक तो दिया लेकिन वह बाउंस हो गया और निवेशक आज भी पैसा पाने से मोहताज हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री ऐसे 420 का कृत्य करने वाली कंपनी के खिलाफ इस तरह की बात करते हैं तो निवेशकों के पैसा वापस मिलने की आस कैसे पूरी होगी।