मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आज यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे पर होगी सुनवाई, मामला पेचीदा

यूनियन कार्बाइड कचरा मामले पर आज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। 2 दिसंबर 1984 को हुए भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 358 टन कचरा 31 दिसंबर 2024 को भोपाल से बाहर निकाला गया।

Bhawna Choubey
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MP News: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के पहुंचने के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है। रहवासी इस कदम का विरोध कर रहे हैं, जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा संयंत्र के 100 मीटर के दायरे में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया गया है

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय यूनियन कार्बाइड के 358 टन जहरीले कचरे के निपटान जुड़े मामले पर आज यानी सोमवार को सुनवाई होगी। आपको बता दें, यह कचरा उस फैक्ट्री का है जहां भोपाल गैस काण्ड हुआ था, जिसे धार जिले के पीथमपुर में निपटान की योजना सरकार द्वारा बनाई गई है।

प्रदर्शन में आत्मदाह का प्रयास

स्थानीय लोग इस कदम का जमकर विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस कदम को रोकने के लिए प्रदर्शन के दौरान दो युवकों ने आत्मदाह करने की कोशिश भी की है। लोगों का कहना है, की अगर इस जहरीले कचरे को जलाया जायेगा, तो इससे पानी, हवा, मिट्टी सब दूषित हो जाएगी, जिससे लोगों को अनेक प्रकार की स्वास्थ सम्बंधित समस्याएं हो सकती है, इतना ही नहीं कैंसर जैसी गंभीर बिमारी भी उत्पन हो सकती है। जनभावना को सर्वोपरि रखते हुए आगे कोई भी कदम न उठाने का निर्णय लिया गया है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी।

जबलपुर बेंच करेगी फैसला

आज सभी की नजरे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा की जाने वाली सुनवाई पर है, यह फैसला हाई कोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की अध्यक्षता में होगा।

साथ ही साथ मोहन सरकार भोपाल से पीथमपुर कचरा शिफ्ट करने के मामले पर अपनी प्रगति रिपोर्ट भी पेश करेगी। जिस तरह से पीथमपुर में कचरा जलाए जाने का विरोध लगातार तेज हो रहा है, ऐसे में लग रहा है सरकार कोई भी निर्णय हाई कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं लेगी, फिर चाहे इसके लिए थोड़ा समय क्यों न लगे।

NGT में दायर याचिका में मांगी सुरक्षा की गैरंटी

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल पीठ में एक याचिका दायर की गई है, याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के अधिकारियों से यह शपथ पत्र लेने का अनुरोध किया है कि कचरा जलाने से आसपास के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा।

यह भी कहा गया है कि कचरा जलाने के संबंध में जनता की जो भी चिंताएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं और इसकी जानकारी जल्दी से जल्द मीडिया में प्रकाशित की जाए, जिससे कि लोग खुद की सुरक्षा का अच्छे से ध्यान रख सकें।

CM मोहन यादव यह सुनिक्षित कर रहे हैं की कचरा निस्तारण के लिए उठाया जा रहा हर एक कदम, वैज्ञानिकों और वरिष्ठों की निगरानी में ही हो। बाबजूद इसके सरकार तब तक कोई कदम नहीं उठाएगी जब तक की जनता को विश्वास न हो।

 

 


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