मुंबई की राजनीति में 14 अगस्त का दिन खास होने जा रहा है। तीन साल से एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए महाराष्ट्र के दो बड़े नेता डिप्टी सीएम और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे और वर्ली के विधायक आदित्य ठाकरे संभावना है कि एक ही मंच पर नजर आएं। यह मौका होगा बीडीडी चॉल पुनर्विकास योजना के पहले चरण के तहत 556 परिवारों को नए घर की चाबियां सौंपने का। राजनीतिक हलकों में इसे सिर्फ एक हाउसिंग प्रोजेक्ट का कार्यक्रम नहीं, बल्कि सियासी मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है।
14 अगस्त को मुंबई में सियासी सरप्राइज
साल 2022 में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा भूचाल आया था, जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी। इस बगावत के बाद पार्टी दो हिस्सों में बंट गई—एक ओर उद्धव ठाकरे का गुट और दूसरी ओर शिंदे का गुट। तब से दोनों के रिश्ते ऐसे हो गए जैसे नदी के दो किनारे—पास तो दिखते हैं, लेकिन मिलते नहीं। ऐसे में 14 अगस्त का यह मंच उनके बीच लंबे समय से चली आ रही तल्खी के बीच एक दुर्लभ नजारा पेश कर सकता है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और वर्ली के विधायक आदित्य ठाकरे के साथ स्थानीय सांसद अरविंद सावंत भी शामिल होंगे। आयोजन माटुंगा स्थित यशवंत नाट्य मंदिर में म्हाडा की ओर से किया जाएगा। निमंत्रण पत्र में फडणवीस और शिंदे के नाम बड़े अक्षरों में छपे हैं, जबकि प्रोटोकॉल के तहत आदित्य ठाकरे को भी न्योता भेजा गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आदित्य सच में मंच पर मौजूद होंगे और शिंदे के साथ खड़े दिखेंगे।
मुंबई की बीडीडी चॉल का इतिहास सौ साल पुराना है। 1920 से 1925 के बीच ब्रिटिश शासन के समय बॉम्बे डिवेलपमेंट डिपार्टमेंट के तहत इन्हें मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए बनाया गया था। समय के साथ ये इमारतें जर्जर हो गईं, जिसके बाद सरकार ने पुनर्विकास की योजना बनाई। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत महा विकास अघाड़ी सरकार ने की थी और महायुति सरकार ने भी इसे जारी रखा। अब इसका पहला चरण पूरा हो चुका है, और इसी के तहत 556 परिवारों को नए घर मिल रहे हैं।





