मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन जारी है। मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील ओबीसी कोटे में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। उनके समर्थन में हजारों लोग महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से मुंबई पहुंचे हैं। जरांगे पाटील का कहना है कि सभी मराठों को ओबीसी की कृषि प्रधान जाति कुनबी के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिल सके। उन्होंने साफ कहा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
CM फडणवीस का बड़ा बयान
इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार (30 अगस्त) को इस मसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर रहकर मराठा आरक्षण का समाधान ढूंढने के लिए काम कर रही है। सीएम फडणवीस ने बताया कि पिछले साल सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (SEBC) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को जो 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, वह अब भी लागू है। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से 2025 के बीच शिक्षा और रोजगार में मराठा समाज को लाभ देने के लिए सबसे ज्यादा फैसले बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों ने लिए हैं।
फडणवीस ने शुक्रवार (29 अगस्त) को भी कहा था कि कैबिनेट सब-कमेटी इस मुद्दे पर लगातार चर्चा कर रही है और संवैधानिक रूपरेखा के अनुसार ही समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि मनोज जरांगे को आजाद मैदान में एक दिन के प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने आंदोलन आगे बढ़ाने के लिए नई अनुमति मांगी है, जिस पर पुलिस सकारात्मक विचार कर रही है। सरकार का रुख यह है कि सभी प्रक्रियाएं कानून और व्यवस्था बनाए रखते हुए ही पूरी की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य प्रशासन बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहा है और उसी के निर्देशों के तहत काम करेगा। आजाद मैदान में आंदोलनकारियों की भारी भीड़ जमा है और लोग सरकार पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का दबाव बना रहे हैं। मराठा समाज का यह आंदोलन राज्य की राजनीति में एक अहम मुद्दा बन गया है और आने वाले दिनों में इसका असर और बढ़ सकता है।





