राजराजेश्वर मंदिर ना जाने से Kamalnath आए भाजपा के निशाने पर, कांग्रेस ने दी सफाई

Gaurav Sharma
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अशोकनगर,हितेंद्र बुधौलिया। अशोकनगर (ashoknagar) शहर के अधिष्ठाता देव भगवान राजराजेश्वर(lord rajeshwar) के मंदिर में कमलनाथ (kamalnath) के ना जाने के मुद्दे को भाजपा(bjp) ने मंदिर और शहर के अपमान से जोड़ दिया। मंदिर के पुजारी एवं दूसरे लोगों को बताया गया था कि कमलनाथ(kamalnath) मंदिर में पहुंचेंगे , कमलनाथ(kamalnath) के लिए निर्धारित समय के बाद भी मंदिर के पट खोले गए। मगर वह मंदिर नहीं पहुंचे तो लोगों में इसको लेकर कमलनाथ (kamalnath) के प्रति गंभीर रोष देखा गया है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं(congress leaders) ने मंदिर में आने के लिए कमलनाथ(kamalnath) को आमंत्रित(invited) भी किया था मगर वह नहीं आए। सोशल मीडिया पर जिसका परिणाम चुनाव में भुगतने जैसी पोस्ट भी वायरल होने लगी है। अपनी किरकिरी होते देख कांग्रेस पार्टी के नेता बचाव में आए हैं ।कुछ दिनों से मंदिर में तैयारी करा रहे नेताओं की अब सफाई है कि कमलनाथ (kamalnath) के कार्यक्रम में मंदिर दर्शन का नही जोड़ पाया था,साथ ही प्रशासन ने भी वहां जाने में व्यवस्था बिगड़ने की बात बताई थी।

इसी कारण कमलनाथ मंदिर नहीं पहुंचे 

मामला बिगड़ते देख कांग्रेस इस मामले में सफाई देते हुए नजर आई। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान का कहना है कि 10 तारीख को चुनाव परिणाम के बाद कमलनाथ (kamalnath) अशोकनगर आएंगे और मंदिर के दर्शन करेंगे । मगर भाजपा ने मामले को जबरदस्त तूल दे दिया है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह मंदिर

अशोकनगर (ashoknagar) शहर को लेकर यह किवदंती है कि जो भी व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद पर रहते, इस शहर में आया है उसका मुख्यमंत्री पद चला गया है। इसी कारण शिवराज सिंह (shivraj singh) एवं कमलनाथ (kamalnath) मुख्यमंत्री रहते कभी इस शहर में नहीं आए ।माना जाता है कि भगवान राजराजेश्वर इस शहर के राजा हैं। और यहां बिना उनके यहाँ हाजिरी लगाएं जो मुख्यमंत्री आया उसे को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पडा। शिवराज सिंह (shivraj singh) दो बार मुख्यमंत्री बने और दोनों ही बार इस राजराजेश्वर मंदिर (rajeshwar temple) के दर्शन करने के बाद ही उन्हें पद मिला है। इसी कारण कांग्रेसी लगातार प्रयास कर रहे थे कि कमलनाथ(kamalnath) भी इस मंदिर से आशीर्वाद प्राप्त करें मगर उनकी तमाम तैयारियों के बाद भी उनका आना संभव नहीं हो सकता।

भाजपा(bjp) ने मुद्दा बनाया भगवान राजराजेश्वर(lord rajeshwar) का मंदिर अशोकनगर(ashoknagar) शहर का प्राचीन एवं ख्याति प्राप्त मंदिर है। शहर के लोगों में इस मंदिर के प्रति दृढ़ आस्था भी है ।कमलनाथ(kamalnath) के आने का तय होने के बाद भी । ना आना और उनके लिए समय के बाद पट खुले रहने के कारण लोग अब आक्रोश में है। भारतीय जनता पार्टी (bhartiye janta party) के पूर्व जिला अध्यक्ष नीरज मनोरिया का कहना है कमलनाथ ने बता दिया कि उनकी सोच धर्म को लेकर क्या है। उनका कहना है कि यह वही पार्टी के नेता है जो कभी राम के अस्तित्व को भी नहीं मानते थे। आज चुनाव में फायदा लेने के लिए मंच से जय श्री राम कर रहे हैं। मगर भगवान में इनकी कोई आस्था नहीं रहे। राज राजेश्वर मंदिर बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह सरासर इस शहर का अपमान है ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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