भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उपचुनाव (By-election 2020) के नतीजों ने मध्यप्रदेश की राजनीती की तस्वीर साफ कर दी है। 28 में से बीजेपी ने 19 सीटों और कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की है यानि शिवराज सरकार बहुमत से आंकड़ा पार कर परमानेंट हो गई है।लेकिन भाजपा (BJP) को मिली इस शानदार सफलता ने किंगमेकर साबित होने वाले सपा (SP), बसपा (BSP) और निर्दलीय विधायकों (Independent MLA) के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
दरअसल, भाजपा और कांग्रेस (Congress) को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सपा (Samajwadi Party), बसपा (BSP) और निर्दलीय विधायक किंग मेकर (King Maker) की भूमिका निभाने वाले थे। लेकिन इसकी नौबत नहीं आई। उपचुनाव के बाद से भाजपा और कांग्रेस सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के संपर्क में थी। ताकि जरूरत पड़ने पर सरकार बनाने के लिए उनका समर्थन लिया जा सके। दो निर्दलीय विधायकों ने उपचुनाव के बाद भाजपा का समर्थन करने की बात कही थी। उपचुनाव में मिली जनादेश के बाद भाजपा बहुमत के आंकड़े से काफी आगे निकल गई है और उसे बाहरी विधायकों के समर्थन की जरूरत नहीं है।
पिछले चुनाव में सपा-बसपा और निर्दलीय साबित हुए थे किंगमेकर
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी जो बहुमत के आंकड़े से दो कम थी, तब कांग्रेस ने एक सपा दो बसपा और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को कमलनाथ सरकार में मंत्री बनाया गया था। बाकी के 6 विधायक भी उन्हें मंत्री बनाए जाने को लेकर तत्कालीन सीएम कमलनाथ पर दबाव बना रहे थे। क्योंकि इन विधायकों के समर्थन से कांग्रेस सत्ता में आई थी। इसलिए उस समय इन विधायकों को सरकार में खूब तवज्जो मिली थी। एक बारगी कांग्रेस विधायकों (Congress MLAs) के काम नहीं होते थे लेकिन इन विधायकों का कोई भी काम नहीं रुकता था। बसपा विधायक राम भाई आए दिन बयानबाजी करके सरकार पर दबाव बनाकर अपने काम करवाती रहती थी। ऐसे ही बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा (Surendra Singh Shera) भी उन्हें मंत्री बनाए जाने को लेकर बयानबाजी करते थे। प्रदीप जायसवाल, केदार डावर (Kedar Singh Davar), सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम सिंह राणा निर्दलीय विधायक है। राजेश शुक्ला(Rajesh Shukla) सपा से संजीव सिंह शुक्ला(Sanjeev Singh Shukla) और रामबाई (Rambai) बसपा से विधायक हैं।
सिर्फ इस निर्दलीय विधायक को मिला फायदा
सपा बसपा और निर्दलीय विधायकों में से भाजपा सरकार में सिर्फ निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल (Pradeep Jaiswal) फायदे में रहे हैं। पूर्वर्ती कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में खनिज मंत्री रहे जयसवाल ने कांग्रेस की सत्ता से विदाई के साथ ही पाला बदल लिया था। भाजपा के सत्ता में आते ही उन्हें मध्यप्रदेश खनिज विकास निगम का चेयरमैन बना दिया गया था। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।