भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कमलनाथ (Kamalnath) की सरकार गिराकर कांग्रेस (Congress) से भाजपा(BJP) में शामिल हुए नेताओं के शामिल होने के बाद से यह चर्चा आम है कि इससे भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं के बीच असहजता आ गई। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के कोई भी वरिष्ठ इस बात को स्वीकार करने से हिचक रहे हैं लेकिन इसका विरोध कहीं ना कहीं नजर आ ही रहा है। अब राजनीतिक सरगर्मियां के बीच बीजेपी के दिग्गज नेता गौरीशंकर शेजवार (Gaurishankar Shejwar) बीजेपी मुख्यालय तलब किए गए थे।
दरअसल बीते दिन उपचुनाव के सरगर्मियां के बीच एक ऐसा मुद्दा हुआ जो चर्चा का विषय बन गया। बीजेपी के कद्दावर नेता गौरीशंकर शेजवार घंटों बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में अपने बेटे मुदित शेजवार के साथ बैठे रहे। कहा जा रहा था कि गौरीशंकर शेजवार और उनके बेटे मुदित शेजवार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा (BJP state president VD Sharma) से चर्चा करने हेतु मुख्यालय (Headquarter) पहुंचे थे किंतु जब वे दोनों प्रदेश मुख्यालय पहुंचे उस वक्त वीडी शर्मा मुख्यालय में मौजूद नहीं थे।
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इसके बाद कई घंटों तक गौरीशंकर शेजवार अपने बेटे के साथ मुख्यालय में उपस्थित रहे। इधर एक सवाल जिसकी सबसे ज्यादा अटकले लगाई जा रही है की शेजवार परिवार सांची सीट से प्रभुराम चौधरी (Prabhuram Chaudhary) के चुनाव प्रचार में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिसके बाद यह मामला केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा का विषय बना हुआ है।
बता दे कि सांची से उपचुनाव में बीजेपी के टिकट से प्रभुराम चौधरी चुनावी मैदान में खड़े हैं। जिनके प्रचार अभियान के लिए शेजवार परिवार का खासा रुचि लेना नजर नहीं आ रहा है। अटकलें है कि प्रभुराम चौधरी की कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने और सांची टिकट से उपचुनाव लड़ने पर गौरीशंकर शेजवार नाराज माने जा रहे हैं। जिसके बाद साँची विधानसभा सीट से इस कद्दावर नेता प्रदेश मुख्यालय तलब किया गया है। वहीं जब मुदित शेजवार से प्रभुराम चौधरी के विषय में पूछा गया तो उन्होंने साफ़ कहा कि प्रभुराम चौधरी से उनके राजनीतिक भविष्य को कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब हो कि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रभुराम चौधरी ने जहां एक तरफ कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा था। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार को टिकट दिया था। इस चुनाव में मुदित शेजवार को हराकर प्रभुराम चौधरी ने जीत हासिल की थी।
एक तरफ जहां बीजेपी कांग्रेस के लगाए इन आरोपों का खंडन कर रहे है कि उसके पार्टी के भीतर सब कुछ सही नहीं चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई बार इन बातों का खंडन कर चुके हैं। बीजेपी के दिग्गज वरिष्ठ नेता भी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में चर्चा होनी आम है।