उपचुनाव 2020: सज्जन सिंह वर्मा की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से अपील- भंग करें कैबिनेट

Kashish Trivedi
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सज्जन सिंह वर्मा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश(madhya pradesh) की सियासत में घमासान मचा हुआ है। उपचुनाव(by election) के मद्देनजर सियासी गलियों का पल-पल बदलता रुख नई चुनौतियां लेकर सामने आ रहा है। इसी बीच कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा(sajjan singh verma) ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल(Anandiben Patel) से शिवराज सरकार के दो मंत्रियों के कार्यकाल को खत्म करने और कैबिनेट को भंग करने की मांग की है।

सज्जन सिंह वर्मा ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से अपील की है कि शिवराज कैबिनेट के मंत्री तुलसी सिलावट(tulsi silawat) और गोविंद सिंह राजपूत(govind singh rajput) के कार्यकाल खत्म हो और इसके साथ ही पूरे शिवराज कैबिनेट(shivraj cabinet) को भंग किया जाए। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार ने पूर्व विधायकों को बिना विधायकी के मंत्री बनाया है। जो कि गलत है।

सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि अगर उनके कार्यकाल खत्म होकर कैबिनेट को भंग किया जाता है तो होने वाले उपचुनाव भाजपा वैसे ही हार जाएगी। बता दें कि यह पहला मुद्दा नहीं है जब किसी कांग्रेसी ने बिना विधायकी के मंत्री बनने पर सवाल उठाया है। इससे पहले लगातार कांग्रेस इस बात पर सवाल उठाते रही है। अब पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने इन दोनों नेताओं तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के कार्यकाल को खत्म करने की मांग की है।

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गौरतलब हो कि शिवराज कैबिनेट के दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का कार्यकाल 20 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है जबकि मतदान की तिथि 3 नवंबर है। उप चुनाव से पूर्व इन दोनों मंत्रियों को अपना मंत्री पद गवाना पड़ेगा और 3 नवंबर को होने वाले मतदान में यह दोनों बगैर मंत्री पद के चुनावी मैदान में उतरेंगे।

ऐसा इसलिए क्योंकि नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो विधानसभा का सदस्य ना हो, 6 माह से ज्यादा समय के लिए मंत्र नहीं रह सकता और इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। जिसके बाद 21 अक्टूबर को सिलावट और राजपूत को मंत्री बने 6 माह पूरे हो जाएंगे। इसके बाद 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की समय सीमा समाप्त हो जाएगी। वही आचार संहिता लागू होने की वजह से मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं हो सकेगा। जिसकी वजह से इन दोनों नेताओं को अपने मंत्री पद को छोड़ना होगा।

बता दें कि गोविंद सिंह राजपूत सुरखी और तुलसीराम सिलावट भाजपा के टिकट पर सांवेर से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत का मुकाबला बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आई पारुल साहू से होगा। वही तुलसीराम सिलावट को इस उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट से प्रेमचन्द गुड्डू टक्कर देंगे।


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