इंदौर, आकाश धोलपुरे। सांवेर उपचुनाव (By-election) से ऐनवक्त पहले बीजेपी को एक बड़ा झटका उस वक्त लगा था जब अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय स्तर के नेता जगमोहन ने विरोधस्वरूप पार्टी से इस्तीफा देकर शिवसेना का दामन थाम कर शेर की तरह सांवेर में नामांकन दाखिल कर दहाड़ मारी थी। पूर्व मंत्री और दिवंगत प्रकाश सोनकर के करीबी रहे जगमोहन वर्मा के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी को एक डर सता रहा था कि सांवेर में ग्रामीणों में अच्छी पैठ रखने वाले वर्मा बड़ा उलटफेर कर सकते है जिसका खामियाजा सीधे बीजेपी उम्मीदवार तुलसी सिलावट (BJP candidate Tulsi Silavat) को भुगतना पड़ता। क्योंकि कई बार जब तुलसी सिलावट कांग्रेस से लड़ते थे तो उन्हें हराने और बीजेपी को विजय बनाने में जगमोहन वर्मा (Jagmohan Verma) की अहम भूमिका रहती थी।
लिहाजा, जब इस बात की जानकारी पार्टी आलाकमान को लगी तो बड़े डैमेज कंट्रोल के लिए जिम्मेदारी बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला और विधायक आकाश विजयवर्गीय को सौंपी गई। हालांकि इसके पहले भी कई बीजेपी नेताओं ने वर्मा को मनाने की कोशिश की थी लेकिन नतीजा सिफर रहा था। ऐसे में रविवार को बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला (BJP MLA Ramesh Mendola) और आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) शिवसेना के टिकिट पर चुनाव लड़ने का एलान कर चुके जगमोहन वर्मा के निवास पर पहुंचे और आखिर में मान मनोव्वल के बाद जगमोहन वर्मा मान गए और फिर से वर्मा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और अब वो सांवेर में बीजेपी के लिए कार्य करेंगे।
इसलिये नाराज थे जगमोहन वर्मा
बीते 40 सालों से बीजेपी अनुसूचित जाति का एक बड़ा चेहरा रहे जगमोहन वर्मा की नाराजगी मजदूरों के हक लेकर की थी और एक व्यवस्था के बंद होने से वो नाराज चल रहे जिससे मजदूरों का सीधा नुकसान होना तय था। लिहाजा, वर्मा ने अपनी मांग के नही माने जाने पर बीजेपी छोड़कर शिवसेना ज्वाइन कर ली थी। मजदूरों के हित की लड़ाई वो वर्षो से लड़ते आ रहे है।
विधायक रमेश मेंदोला ने दिया वर्मा को ये भरोसा
मजदूरों की मांग के संदर्भ में बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला ने जगमोहन वर्मा को आश्वस्त किया है कि उचित समय पर उचित निराकरण कर दिया जाएगा। वही उन्होंने मीडिया से कहा कि वर्मा एक ऐसे नेता है जिन्होंने बीजेपी के लिए लंबा संघर्ष किया है और आज भी उनके मार्गदर्शन में कई कार्यकर्ता विधायक बने है और बीजेपी के निगम मंडलों में ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे है।
बीजेपी मेरी माँ और माँ से बच्चा रूठ सकता है
सारे गिले शिकवे भुलाकर दोबारा बीजेपी में शामिल होने के बाद जगमोहन वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मेरी माँ है और माँ से बच्चे नाराज भी होते है लेकिन जब माँ के साये में रहकर हम अपना जीवन यापन करते है राजनीति करते है तो उसको तो नही भूला जा सकता है और जब परिवार के लोग ये कहते है कि आपकी बात मानी जायेगी तो फिर माँ को छोड़ने का सवाल ही नही पैदा होता है। वर्मा ने मीडिया से कहा कि वो बीजेपी में शामिल हो गए और अब वो सांवेर उपचुनाव में दाखिल किए नामांकन को वापस लेंगे। वही अब वो बीजेपी प्रत्याशी को जिताने के लिये मेहनत करेंगे।
तुलसी सिलावट ने ली राहत की सांस
नाम वापसी के अंतिम दिन से ठीक एक दिन पहले बीजेपी के इस बड़े डैमेज कंट्रोल के बाद बीजेपी प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने राहत की सांस ली होगी। क्योंकि, उन्हें पता है कि सांवेर में जीत – हार का अंतर बेहद कम मार्जिन का होता है ऐसे में यदि वर्मा थोड़ी भी मेहनत कर उनके सामने खड़े होते तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिल जाता। बीजेपी के इस बडे डैमेज कंट्रोल ने जहां बीजेपी को राहत दी है वही कांग्रेस के लिहाज से ये डैमेज कंट्रोल किसी बुरे सपने के समान नजर आ रहा है।