भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 3 नवम्बर को सम्पन्न हुए उप-चुनाव (By-election) के परिणाम (Result) मंगलवार को आएंगे। दोनों प्रमुख दल बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। दोनों दल प्रदेश में अपनी सरकार (Government) बनाने की बात कह रही है। उधर मतदाताओं (Voters) के मन मे भी एक सवाल कौंध कर रहा है कि आखिर जीत के साथ किस पार्टी की सरकार उन्हें मिलेगी।
प्रदेश के 19 जिलों की 28 सीटों पर उप-चुनाव हुए है। दोनों दलों के लिए यह उप-चुनाव नाक का सवाल है। 28 सीटों में से पूर्व में इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पहले तत्कालीन 22 विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे सभी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सभी 22 विधयकों के इस्तीफे के कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और बहुमत के हिसाब से प्रदेश में बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली थी। जिसके बाद 3 और कांग्रेसी विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। वहीं पूर्व में एक बीजेपी और एक कांग्रेस विधायक के निधन से 2 सीटें पहले से रिक्त थी।
मंगलवार को प्रदेश में सुबह 8 बजे से मतों की गिनती होनी है। इससे पहले जो एग्जिट पोल आए है उनको दोनों ही दल स्वीकार नहीं कर रहे हैं। दोनों दलों का मानना है कि एग्जिट पोल में जो सीटें दिखाई जा रही है उनसे अधिक सीटें उनकी पार्टी जीत रही है। दोनों ही दल पूरी की पूरी 28 सीटें जीतने का दावा कर रही है। एग्जिट पोल की अगर बात करें तो उसमें बीजेपी को बढ़ाता बताई गई है। लेकिन बीजेपी दावा कर रही है कि जितनी भी सीटें एग्जिट पोल में बताई गई है उससे कई ज्यादा सीटों पर उसके उम्मीदवार जीतेंगे
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रदेश के उप-चुनाव के नतीजे चौकाने वाले हो सकते है, क्योंकि कही पर 70 फीसदी तो कहीं पर 60 फीसदी से भी कम मतदान हुआ है। ऐसे में मतदाताओं का मूड समझना आसान नहीं है। अगर वापस प्रदेश में बहुमत मिलने के साथ कांग्रेस की सरकार बनती है तो यह साफ हो जाएगा कि जनता ने इस बार दल बदल सिरे से नकार दिया है और उसे अभी भी कमल नाथ के नेतृत्व पर भरोसा है। वहीं अगर परिणाम बीजेपी के पक्ष में होते है तो यह स्थिति भी साफ हो जाएगी कि जनता ने मुख्यमंत्री शिवराज की सरकार भी भरोसा कायम रखा है और उनके कार्यकाल को पसंद किया है।
हालांकि देर शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी कि प्रदेश की जनता ने किस ‘कमल’ को अपनी पसंद बनाया है। कल यह तय हो जाएगा कि जनता ‘कमल के फूल’ वाली शिवराज सरकार को सत्ता की गद्दी पर कायम रखती है, या सत्ता से बेदखल हुई ‘कमल नाथ की कांग्रेस सरकार’ वापस से मध्य प्रदेश की कमान संभालेगी।