मंत्री उषा ठाकुर ने कमलनाथ पर साधा निशाना, कहा मंदिरों से जजिया कर्ज जैसा टैक्स वसूलती थी कमलनाथ सरकार

Gaurav Sharma
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Usha Thakur

इंदौर,आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश की पर्यटन, संस्कृति विभाग की मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur, Minister of Tourism, Culture Department of Madhya Pradesh)  ने मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM Kamalnath) और 15 महीने की कांग्रेस सरकार(Congress government) पर जमकर हमला बोला। इंदौर (indore) में एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ को घेरते हुए कहा कि जिस तरह से कमलनाथ (kamalnath) की 15 माह की सरकार में मंदिरों की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया था वो एक तरह से जजिया कर के समान था।

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जबकि मंदिरों में चढ़ावे के जरिये मिलने वाली राशि का मंदिर के विकास सहित अन्य धार्मिक कार्यो में उपयोग होता है। लेकिन सरकारी खजाने(Government treasury) को भरने के लिए कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने एक तरह से जजिया कर लगाकर धार्मिक अखंडता (Religious integrity) को खंड खंड करने का प्रयास किया था।

वही धर्मांतरण के मामले में मंत्री उषा ठाकुर ने कमलनाथ (Kamalnath) पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ही आदिवासियों (Tribals) से कहा था कि वो खुद को हिन्दू (Hindu) लिखना छोड़ दे, जबकि वो अनादि काल से हिन्दू है। ऐसे में ये कहने का क्या तुक है। उन्होंने सीधे कहा कि कमलनाथ देश की एकता अखंडता को क्षिन्न भिन्न करना चाहते है। इतना ही नहीं मंत्री उषा ठाकुर ने एक बड़ी बात भी इंदौर में कही। उन्होंने कहा कि वफ्फ बोर्ड आर्थिक रूप से मजबूत है।

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बावजूद कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने प्रदेश में इमाम और मौलवियों को 5 हजार तक वेतन दिया, जो कि अन्य वर्गों के अधिकारों के छिना जाने जैसा है। वहीं कांग्रेस (Congress) पर हमला बोलते मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सीएए का विरोध करती रही जबकि केंद्र सरकार ये कानून उन लोगो के लिए लाई जो कि पाकिस्तान में सताए जा रहे थे।

इधर, पूर्व सीएम कमलनाथ धार्मिकता को लेकर उषा ठाकुर ने कहा कि वो दिखावा है और उन्हें ये बात समझ में आ गई है। कमलनाथ बीजेपी की तर्ज पर धार्मिक दिखाई देना चाहते है, लेकिन वो कुछ भी करे जनता सब समझ चुकी है और 3 नवंबर को जनता उनको आइना भी दिखा देगी।

इतना ही नहीं मंत्री इमरती देवी (Imarti devi) पर दिए गए आयटम (Item) वाले बयान पर मंत्री उषा ठाकुर (Minister Usha Thakur) ने कहा कि किसी भी महिला के लिए अपमानित शब्दों (Humiliated words) का प्रयोग अनुचित है और वे इसकी कड़ी भर्त्सना करती है। वही सांवेर के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास भावना के साथ सांवेर में विकास कार्य हुए है और वो सब बीजेपी शासन में हुए हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कोविड के चलते सांवेर के विकास कामो में गति धीमी हुई है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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