MP Byelection 2020 : नेता भूल रहे भाषा की मर्यादा,कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को कहा चुन्नू मुन्नू

Gaurav Sharma
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kailash vijayawargiya called Kamal Nath and Digvijay Singh as Chunnu Munnu

अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। मध्यप्रदेश उपचुनाव 2020 (MP Byelection 2020) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (bhartiye janta party) के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (National General Secretary and in-charge of West Bengal Kailash Vijayvargiya) ने आज अशोकनगर (ashoknagar) में बीजेपी प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी (BJP candidate Jajpal Singh Jadji) के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया। तुलसी पार्क पर आयोजित रैली में कैलाश विजयवर्गीय कमलनाथ द्वारा भाषा की मर्यादा तोड़ने एवं सौजन्यता को खत्म करने का मुद्दा उठाते हुए कहा पूर्व कांग्रेसी नेताओं से भी उनके सम्बन्ध रहे है।अभी तक सभी ने भाषा की सौजन्यता का का पालन किया है। मगर आजकल कमलनाथ ने बहुत स्तरहीन भाषा का उपयोग किया है।

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उन्होंने शिवराज सिंह (shivraj singh) को नालायक और सिंधिया (scindia) को गद्दार जैसे शब्दों का उपयोग कर भाषा की मर्यादा तोड़ी है। कैलाश विजयवर्गीय (kailash vijaywargiya) ने कमलनाथ (kamalnath) और दिग्विजय सिंह (digvijaya singh) को चुन्नू मुन्नू कहकर संबोधित किया । कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जब चुन्नू मुन्नू ने सिंधिया जी को सड़क पर उतरने की चेतावनी दी , तो सिंधिया जी सड़क पर उतरे और नरेंद्र मोदी की विकास की एक्सप्रेस में सवार हो गए ,एवं चुन्नू मुन्नू दोनो को सड़क पर ला कह खडा कर दिया। जब पत्रकारों ने उनसे चुन्नू मुन्नू जैसे शब्दों के प्रयोग को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि ये दोनों बड़े लोग दिल के छोटे है और चुन्नू मुन्नू प्यार का शब्द है।

 

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कभी सिंधिया के घोर विरोधी रहे कैलाश विजयवर्गीय ने आज सिंधिया की तारीफ करते हुए का उनमें राजमाता विजयराजे सिंधिया का खून है, और दिग्विजय सिंह और कमलनाथ उनको बिकाऊ कह रहे हैं तो दोनों की कुल संपत्ति की कीमत से ज्यादा की कीमत के महल में ज्योतिरादित्य सिंधिया रहते है ।वह सिंधिया को क्या खरीद पाएंगे। चुनाव रथ पर सिंधिया के फोटो को ना होने के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंधिया का फोटो रखकर नहीं हो मगर लोगों के दिलों में उनका फोटो है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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