कंप्यूटर कैसे बना केल्क्युलेटर, बीजेपी और कांग्रेस भी आमने सामने

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। रविवार को इंदौर में जो हुआ वो अब सियासी गलियारों का चर्चा का विषय है। वही दोनों पार्टियां मतगणना के 2 दिन पहले एक दूसरे पर जमकर वार करती नजर आ रही है।

दरअसल, इंदौर का कंप्यूटर कुछ इस तरह से करप्ट हो गया कि लोगों को ये नहीं समझ आया कि आखिर कौन सा वायरस सिस्टम में था। लेकिन बीजेपी सांसद ने बता दिया कि वाकई एक शख्स में राजनीति में कूदने की ऐसी ललक थी कि वो संत और साधु समाज को छोड़कर सिर्फ राजनीति में उतरकर अपना ओहदा अलग तरीके से बरकरार रखना चाहता था।

बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने मीडिया को बताया कि कंप्यूटर बाबा एक संत है तो उन्हें राजनीतिक प्रचार करने की क्या आवश्यकता थी उन्हें धर्म प्रचार करना चाहिए। इतना ही नहीं बाबा को लेकर तमाम आरोप बीजेपी सांसद ने लगाए है। इधर, कांग्रेस की और वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने भी प्रदेश सरकार पर सीधे सवाल उठाए और कहा कि सरकार अवैध अतिक्रमण के मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी कार्रवाई करे।

इधर, राजनीति से परे कुछ ऐसी जानकारियां भी सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रही है जिसमे नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को 90 के दशक का जेबकतरा बताया जा रहा है। इसके अलावा ये बात भी सामने आई है कि कंप्यूटर से केल्क्युलेटर बन चुके कंप्यूटर बाबा के अवैध निर्माण को हटाने के दौरान महंगी मसाज क्रीम और बॉडी लोशन के साथ ही एयर गन और असली बंदूक के शौकीन रहे है।

वही उन्होंने जिस जमीन पर अतिक्रमण किया था उस जमीन की कीमत करीब 80 करोड़ रुपये आंकी गई है। इतना ही नहीं शानदार, सोफे और बेड के साथ एसी की हवा खाने वाले बाबा के अवैध कब्जों की जांच की गई तो प्रशासन को पता चला है कि बाबा ने सुपर कॉरिडोर स्थित वन विभाग और आईडीए की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है, जिसकी जांच जारी है।

इसके अलावा आज इंदौर के गोमटगिरी आश्रम में की गई कार्रवाई के दौरान एक लग्जरी कार सहित ऐशो आराम का साजो समान उनके एक अनुयायी की मौजूदगी में उसी से ही सुपुर्द कर दिया गया।

वही जम्हूडी हप्सी की जमीन पर कब्जे से मुक्त कराने के बाद अब प्रशासन गौशाला के साथ ही धार्मिक स्थल का निर्माण भी करेगा। फिलहाल, आज हुई कार्रवाई के बाद अब प्रशासन किसी भी स्थिति में कंप्यूटर बाबा को पूरी तरह से बेनकाब करने की जुगत में लगा है और यदि कोई नई शिकायत आएगी तो प्रशासन तुरंत कार्रवाई को अंजाम भी देगा।

फिलहाल, बाबा जेल में है लेकिन प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद प्रदेश में चुनावी नतीजों पर सबकी नजरें है क्योंकि उसी के बाद पता चलेगा कि कंप्यूटर अपडेट होगा या फिर उसे घर के किसी कोने में पटक दिया जाएगा।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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