इंदौर, आकाश धोलपुरे| इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) की गरीबी को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है और कई बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तो सीएम शिवराज के कैंपेन को आगे बढ़ाते हुए अपनी डीपी और प्रोफ़ाइल पिक्चर मैं भी चौकीदार तर्ज पर मैं भी शिवराज रख दी है। बस कांग्रेस (Congress) ने इसी बात को पकड़ लिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान की गरीबी के साथ ही महाराज यानी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर सवाल खड़े किए।
सोमवार को भले ही प्रदेशभर में बीजेपी (BJP) कमलनाथ (Kamal Nath) के आयटम वाले बयान के विरोध में मौन व्रत रख रही हो लेकिन कांग्रेस तो शिवराज सिंह चौहान की गरीब होने की बात पर हमलावर है। सोमवार को शहर के गांधी भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराजसिंह चौहान की डमी को कुर्सी पर बैठाकर उनके आगे चांदी के थाली में काजू बादाम रखकर विरोध जताया। वही दो थालियों के साथ तीसरी थाली में प्याज और रोटी रखकर ये समझाने की कोशिश की सीएम शिवराज और सिंधिया खुद को गरीब बता रहे है जबकि वो खुद चांदी की थाली में भोजन करते है। वही प्रदेश की आम जनता अभी भी साधारण थाली में प्याज और रोटी खाने को मजबूर है। ऐसे में गरीब कौन है, ये सभी को पता है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल ने बताया कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने उनकी व उनकी पत्नी की संपत्ति 7 करोड़ रुपए बताई थी और अब शिवराज करोड़पति होकर भी झूठ बोल रहे है कि मैं गरीब हूँ। वही महाराज गरीबों के लिए सडक़ों पर उतरने का बोल रहे थे लेकिन वो भी चांदी की थाली में परसा भोजन खाकर सडक़ पर उतरना भूल गए है। कांग्रेस शिव – ज्योति को झूठा कहकर, झूठ बोलना बंद करो के नारे के साथ जमकर नारेबाजी की।
अब जब प्रदेश की 28 सीटो पर उपचुनाव होना है ऐसे में विरोध की बयार दोनों तरफ से उठना लाजिमी है क्योंकि आग दोनों तरफ लगी किसी को आयटम बयान पर बवाल मचाना है, तो किसी को चांदी की थाली में गरीबी दिखाना है। इस सबके बावजूद असल मे तो जनता को ही तय करना है कि वो क्या चाहती है और क्या नही ?