भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गजों पर सबकी निगाहें टिकी हैं। होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा सीट पर इस बार दो दिग्गज आमने सामने हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सरताज सिंह कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब अपने ही दोस्त और विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मसला सिर्फ उनके कांग्रेस में शामिल होने का ही नहीं है। इस बार कई नेता इस सीट पर आस लगाए बैठे थे। जो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। अब ऐसे नेता भाजपा के लिए भितरघात का खतरा बने हुए हैं। यही नही सरताज कांग्रेस को लिए दो सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब हो सकते हैं।
इस क्षेत्र के मतदाता प्रमुखतौर पर कृषि से जुड़े हैं। यहां नौ बार चुनाव हुए हैं इनमें से 6 बार कांग्रेस को जीत मिली है। भाजपा यहां से तीन बार जीतने में कामयाब हुई है। भाजपा इस सीट को अब अपेन किले में तब्दील करने में कामयाब हुई है। 2013 में सरताज सिंह को 12 हजार वोट से जीत मिली थी। जबकी. इस सीट पर 2008 में उन्हें सात हजार वोट से जीत मिली थी। लेकिन इस बार सरताज होशंगाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को इस बार दोनों सीटों पर जीत की उम्मीद है। वह दोनों ही सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। सिवनी से पूर्व विधायक ओम रघुवंशी को कांग्रेस ने टिकट दिया है।
ओम रघुवंशी को चुनाव प्रबंधन का चाणक्य कहा जाता है। वह पूर्व में विधायक रहे हैं उन्हें जनता की नब्ज काफी अच्छे से पता है। यही नहीं राजनीति उन्हे विरासत में मिली है। वह पूर्व मंत्री हजारीलाल रघुवंशी के बेटे हैं। वह अपने टिकट को लेकर वितरण से पहले ही काफी आशवस्त थे। वह काफी पहले से ही इस क्षेत्र में सक्रिय थे और जनता से वोट की अपली कर रहे थे। उनको सरताज सिंह का भी साथ मिला है। लेकिन उनके लिए मुश्किल वह समर्थक खड़ी कर सकते हैं जो सरताज के कांग्रेस में जाने के फैसले से नाराज हैं।
वहीं भाजपा के प्रत्याशी प्रेमशंकर वर्मा अपनी जीत को लेकर काफी आशवस्त है। उनका मानना है कि सरताज के कांग्रेस में जाने से उन्हें नुसकान नहीं लाभ ही मिलेगा। उनके मुताबिक कार्यकर्ता पार्टी के लिए काम करते है न कि किसी व्यक्ति या फिर चुनाव चिन्ह के लिए। बीजेपी के सांसद राव उदय प्रताप सिंह, योगेंद्र मंडलोई, संतोष परीख और डॉ राजेश शर्मा सहित नाखुश बीजेपी नेता वर्मा का खेल बिगाड़ सकते हैं।