भोपाल/रीवा। विधानसभा चुनाव 2018 के अखाड़े में इस बार बागियों ने प्रदेश के सभी अंचलों में प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस की नींद हराम कर दी है। सरकार बनाने का ख्वाब देख रहे दोनों दल अब त्रिकोणीय मुकाबला से लड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं। यह स्थिति टिकट बंटवारे के बाद उपजी है। पार्टी के नेताओं का असंतोष अब बीजेपी और कांग्रेस नेताओं पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। विंध्य की 22 सीटों पर इसका असर पड़ता दिखाई दे रहा है। मान मुनव्वल के बाद भी बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने नामांकन वापस नहीं लिया।
विंधिय की 22 सीटों में से पिछले चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस के खाते में 9 सीटे आईं थी। बीएसपी ने दो सीटों पर कामयाबी हासिल की थी। लेकिन इस बार समीकरण बदल गए हैं। नारायण त्रिपाठी कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इसलिए यहां बीजेपी के पास 12 सीटें हो गईं हैं। जबकि कांग्रेस के खाते में अब 8 सीटें बची हैं। बीएसपी के पास अभी भी दो सीटें हैं। इस बार बीजेपी के लिए माहौल पहले जैसा नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी की झोली में दस सीटें आ सकती हैं।
क्या कहता है सतना का समीकरण
सतना जिले में सात सीटें हैं इनमें से 2013 में बीजेपी ने दो सीटें जीती थीं। लेकिन मैहर में हुए उप चुनाव में पार्टी को तीन और सीटों पर जीत मिली। चित्रकूट विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी के सुरेंद्र सिंह गहरवार और कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी के बीच टक्कर का मुकाबला है। लेकिन इन दोनों नेताओं को बीएसपी के उम्मीदवार रावेंद्र बड़ी चुनौती दे रहे हैं। हालांकि उप चुनाव में कांग्रेस को यहां से जीत मिली थी। कहा जा रहा है कांग्रेस का इस क्षेत्र में वर्चस्व है। इसलिए यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है।
इसी तरह, बीएसपी उम्मीदवार ऊषा चौधरी रैगांव विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने इस सीट से पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी और कांग्रेस ने यहां से कल्पना वर्मा को टिकट दिया है। तीनों ही कद्दावर नेता हैं। इन तीने के बीच भी त्रिकोणीय मुकाबला है। जनता किसे अपना मत देती है यह तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा। वहीं, सतना में बीजेपी के शंकरलाल तिवारी कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बीएसपी पुष्कर सिंह तोमर भी यहां अपनी दस्तक दे चुके हैं। लेकिन यहां राजनीति के पंडितों का मानना है कि इस बार मुकाबला बीजेपी और बीएसपी के बीच है। कांग्रेस इस सीट पर अखाड़े से बाहर है।
नागौद में भी मुकाबला तीन उम्मीदवारों के बीच है। यहां बीजेपी ने नागेंद्र सिंह को कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह के खिलाफ उतारा है। बीएसपी से मुबारक अली भी मैदान में हैं। यहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। मैहर में बीजेपी के नारायण त्रिपाठी और कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी के बीच कड़ी टक्कर है। आमरपाटन से कांग्रेस के राजेंद्र सिंह और बीजेपी के रामखिलवान पटेल और बीएसपी के चंगीलाल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। रामपुर बाघेलन में बीजेपी मंत्री हर्ष सिंह के बेटे को टिकट दिया गया है। विक्रम सिंह यहां से कांग्रेस के रामशंकर और बीएसपी के रामलाखन सिंह के खिलाफ मैदान में हैं। यहां भी बीजेपी और बीएसपी में सीधी लड़ाई है।
क्या है रीवा का समीकरण
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने दिव्यराज सिंह को कांग्रेस के अरूना तिवारी के खिलाफ उतारा है। यहां से बीएसपी ने रामगरीब नवबासी को टिकट दिया है। यहां कांग्रेस का गढ़ है। इसलिए उसकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। सेमरिया में बीजेपी ने केपी त्रिपाठी को टिकट दिया है। उनके खिलाफ कांग्रेस के त्रियोगी नारायण शुक्ला चुनाव लड़ रहे हैं। बीएसपी ने यहां से पंकज सिंह को उतारा है। इस सीट पर किसी एक दल का प्रभाव नहीं रहा है। इसलिए यहां इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।