Bilkis Bano Gangrape: सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में पहली तिथि पर सुनवाई करते हुए 19 जनवरी को 11 दोषियों के सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दिया था। इसके बाद, दोषियों ने 21 जनवरी की रात को सरेंडर कर दिया है। दरअसल मामला 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो नामक महिला का गैंगरेप का था।
गुजरात के दाहोद जिले के सिंगवाड से गोधरा जेल पहुंचने वाले इन 11 दोषियों में राधेश्याम शाह, जसवंत नई, गोविंद नई, केसर वोहनिया, बाका वोहनिया, राजू सोनी, रमेश चंदना, शैलेश भट्ट, बिपिन जोशी, प्रदीप मोधिया, और मितेश भट्ट शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, सभी दोषीयों को पहले से ही ट्रैक किया जा रहा था और उन्हें जेल पहुंचाने की तैयारी में थी।
मामले की पृष्ठभूमि:
इस मामले में बिलकिस बानो नामक महिला को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप का शिकार बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करते हुए इन 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश पारित किया था।
इससे पहले भी बिलकिस बानो ने इस मामले में न्याय पाने के लिए कई बार सुप्रीम कोर्ट में अवेदन किया था।