दरअसल, सरकारी कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि फिटमेंट फैक्टर में बदलाव होते ही कर्मचारियों के पूरी सैलरी पर इसका असर दिखेगा। आखिरी बार 2017 में एंट्री लेवल बेसिक पे 7000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रूपये की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, सातवें वेतन आयोग के तहत मोदी सरकार द्वारा कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को एक बार फिर बढाया जा सकता है।वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना है और बेसिक सैलरी 18000 है।
दरअसल, फिटमेंट फैक्टर केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी तय करने का एक बड़ा पैमाना है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं, ऐसे में कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल माना जाता है।खबर है कि फरवरी 2023 में पेश होने वाले बजट के बाद मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर सकती है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर को 3.68 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद मिनिमम बेसिक सैलरी 26000 हो जाएगी।चर्चा तो ये भी है कि फिटमेंट फैक्टर में 3 गुणा इजाफे पर सहमति बन सकती और न्यूनतम सैलरी 21,000 हो सकती है ।इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसे सरकार को शेयर किया जाएगा, हालांकि अभी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।इसका 52 लाख कर्मचारियों को बेसिक सैलरी में 50000 से 96000 तक लाभ मिलेगा ।
सैलरी में आएगा बंपर उछाल
- केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम सैलरी के तौर पर 18000 रुपये मिलते हैं वहीं अधिकतम सैलरी 56,900 रुपये मिलती है।उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।
- 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी।सरकार इस पर सोच विचार कर अगले साल के बजट के बाद फैसला ले सकती है।