नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सातवें वेतनमान के तहत महंगाई भत्ते में वृद्धि से पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने प्रमोशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रमोशन के लिए न्यूनतम सेवा शर्तों (minimum qualifying services) के नियमों में बदलाव का फैसला किया है। इसके लिए डीओपीटी ने सभी मंत्रालय और विभागों से भर्ती और सर्विस रुल्स के नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया है।
इसको लेकर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल और ट्रेनिंग (DoPT) ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है, जिसमें प्रमोशन के लिए न्यूनम सेवा शर्त के नियम बदलने की विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें यूपीएससी के साथ चर्चा करने और कॉम्पिटेंट अथॉरिटी से मंजूरी के बाद 7वें वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स और पे लेवल के तहत प्रमोशन के लिए न्यूनतम शर्तों के नियमों में बदलाव करने का बात कही गई है। इस आदेश के तहत डीओपीटी ने सभी मंत्रालय और विभागों से भर्ती और सर्विस रुल्स के नियमों में बदलाव करने का अनुरोध किया है
इस आदेश में कहा गया है कि मंत्रालय और डिपार्टमेंट नौकरी में रिक्रूटमेंट और सर्विस रूल्स में बदलाव किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अधीन पे बैंड और ग्रेड को लेवल पे मैट्रिक्स में शामिल होगा यानि अब सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन 7वें वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स ( 7th CPC Pay Matrix) और पे लेवल के आधार पर होगा।
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इस आदेश के तहत प्रमोशन के नियमों में बदलाव करते हुए कुछ शर्तों का भी जिक्र किया गया है, इसमें केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए न्यूनतम योग्य सर्विस शर्तों के अनुसार, लेवल 1 से लेवल 2 और लेवल 2 से लेवल 3 तक के लिए 3 साल की सर्विस और लेवल 2 से लेवल 4 तक के प्रोमोशन के लिए 8 साल की सर्विस के साथ लेवल 4 से लेवल 6 के लिए 10 साल की सर्विस अनिवार्य होगी।