Employees Regularization : प्रदेश में कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर से मामला गरमा गया है। शनिवार को सैकड़ों कर्मचारी द्वारा नौकरी में नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। वहीं सूत्रों के मुताबिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी द्वारा एक विशाल रैली भी निकाली गई है। वही नौकरी की सुरक्षा और वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर पीएमजी स्क्वायर का घेराव भी किया गया है। कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। वहीं राज्य शासन द्वारा कोई फैसला नहीं लिए जाने के बाद एक बार फिर से उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है।
नियमितीकरण की मांग
उड़ीसा में शनिवार को सैकड़ों आउटसोर्सिंग कर्मचारी द्वारा नौकरी में नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए भुवनेश्वर के लिए पीएमजी चौक पर प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के अध्यक्ष संजय पटनायक का कहना है कि मांगों को पूरा करने के लिए 2018 से विरोध किया जा रहा है। पिछले साल नवंबर में सीएमओ द्वारा फोन पर आश्वासन दिया गया था कि 1 महीने के भीतर मांगों को पूरा कर दिया जाएगा लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद ही मुख्य सचिव के साथ कुछ बैठकों के अलावा अब तक नियमितीकरण को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
विरोध और धरना प्रदर्शन जारी
पटनायक का कहना है कि जब तक मांगों को नहीं मान लिया जाता है, विरोध और धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। आंदोलनकारी का कहना है कि हम फिर से सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर है क्योंकि सरकार हमारी बार-बार की मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे पहले सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसमें कहा गया था कि ऐसी एजेंसी को सम्मानित किया जाएगा। जो कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही ठीक से उन्हें वेतन का भुगतान कर रही है। वहीं यदि कोई संगठन कर्मचारियों के पारिश्रमिक के मामले में पीड़िता पाया जाता है तो उसे चिन्हित करने के भी निर्देश दिए गए थे ताकि उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सके।
इससे पहले उड़ीसा सरकार द्वारा सेवा प्रदाता एजेंसी को “मो सरकार” के तहत रखा गया है। जिससे आउटसोर्सिंग एजेंसी में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली थी। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की गई थी। इस सूचना के मुताबिक इन एजेंसी को निर्धारित तिथि से कम से 3 दिन और 5 दिन 7 दिन के भीतर वेतन जारी करने पर अच्छा और गरीब के रूप में चयनित किया गया था। इसके साथ ही यदि निर्धारित तिथि के साथ दिन के बाद वेतन जारी किया जाता है तो उन्हें अधिक खराब की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है।
कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों की मांग है जल्द से जल्द नियमित किया जाए। इसके साथ ही उनके वेतन में भारी वृद्धि की जाए। वहीं अन्य वेतन संबंधित परेशानियों का समाधान तत्काल प्रभाव से किया जाए। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर 2022 में उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बड़ी घोषणा की थी। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार के पदों के लिए संविदात्मक भर्ती को समाप्त कर दिया जाएगा।
57000 से अधिक संविदा कर्मचारी होंगे नियमित
इसके साथ ही 57000 से अधिक संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष इस फैसले के बाद 1300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान लगाया गया था। 57000 से अधिक कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने वाला है। संविदा नियुक्ति सरकार द्वारा 2013 में शुरू की गई थी। जिसे बंद किए जाने की घोषणा की गई थी।