7th pay Commission, Employees Allowances, LTA Limit : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल उनके खाते में संशोधन किया गया है। इसके साथ ही लिमिट को भी बढ़ाया गया है। दो दशक के बाद लिमिट में हुए संशोधन का लाभ लाखों कर्मचारियों को होगा। इसके साथ ही उन्हें 25 लाख रुपए तक का लाभ मिल सकता है।
दो दशक बाद अवकाश यात्रा भत्ता की लिमिट में संशोधन
दरअसल दो दशक के बाद अवकाश यात्रा भत्ता की लिमिट में संशोधन किया गया है। दो दशक वाले लिमिट तीन लाख रुपए हुआ करती थी। जिसे बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। इसका लाभ गैर सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। योजना के तहत कर्मचारी अधिकारी को कंपनी की ओर से विदेश घूमने का ऑफर दिया जाता है। जिसका पूरा खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाता है।
इसके तहत अभी तक की यात्रा पर आने वाला खर्च यदि 5 लाख होता था तो ₹3 लाख का लाभ आयकर में मिल जाता था लेकिन 2 लाख आमदनी में थे। जिस पर कर्मचारी अधिकारी को टैक्स का वहन करना पड़ता था। वही संशोधन के तहत 25 लाख तक की यात्रा होते पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कर्मचारी इसका पूरा लाभ उठा सकेंगे। वहीं वेतन भोगी कर्मचारी के लिए अवकाश यात्रा भत्ता 1 लाख के तौर पर काम करेगा, जो कि वेतन का भाग होगा।
यहाँ नहीं मिलेगी छूट
इतना ही नहीं यह बता कि वैल्यू वास्तविक यात्रा लागतों पर उपलब्ध है। हवाई, रेलवे, बस किराए पर स्थानीय परिवहन, पर्यटन स्थल के भ्रमण सहित होटल, आवास योजना जैसे कोई खर्च इस छूट के लिए पात्र नहीं किए गए।
यह होंगे नियम
इसके अलावा भत्ते नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए LTA तक ही सीमित है। यदि नियोक्ता द्वारा दिए गए 35000 और कर्मचारी द्वारा खर्च की गई वास्तविक यात्रा लागत 20000 तो छूट केवल 20 हजार की सीमा तक ही उपलब्ध कराई जाएगी। 10000 की शेष राशि इनकम टैक्स के दायरे में शामिल होगी। नए नियम के तहत यात्रा शूट 4 कैलेंडर वर्षों के ब्लॉक के लिए केवल 2 यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई गई है। वहीं 2022 से 25 तक यह लागू रहेंगे।