कर्मचारियों को फिर मिलेगी खुशखबरी! न्यूनतम वेतन में बड़ी वृद्धि संभव, 50000 तक बढ़ेगी सैलरी, जानें ताजा अपडेट्स

Pooja Khodani
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Central Employee Salary Hike : आगामी चुनावों से पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को एक अच्छी खबर मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगामी चुनाव से पहले केन्द्र की मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर की दरों में संशोधन किया जा सकता है। चुंकी लंबे समय से कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 फीसदी तक बढ़ाने की मांग कर रहे है, ऐसे में संभावना है कि इस मांग पर जल्द विचार किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 26000 हो जाएगी और इसका लाभ 52 लाख कर्मियों को मिलेगा। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

फिटमेंट फैक्टर की दरों में संशोधन संभव

दरअसल, जब 7वां वेतन आयोग लागू किया गया था तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 6000 रुपये थी, लेकिन उसके बाद 2016 में फिटमेंट फैक्टर में संशोधन किया गया तो न्यूनतम सैलरी 18000 रुपये हो गई। वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, जिसे 3.00 से 3.69 फीसदी बढ़ाने की मांग की जा रही है, ताकी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 21000 से 26000 रुपये हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगामी चुनावों से पहले मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने पर कोई फैसला ले सकती है। चुंकी 2024 में चुनाव होने है, ऐसे में फिटमेंट फैक्टर को 2026 से लागू किया जा सकता है ,इससे सैलरी में ढ़ाई गुना वृद्धि होगी।  हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है, अबतक सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई बयान सामने नहीं आया है।

46000 से 96000 तक बढ़ेगी सैलरी

सातवें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना तय है,  इसका मतलब है कि जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है तो सैलरी भी बढ़ेगी, क्योंकि भत्तों जैसे महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके कुल सैलरी निकाली जाती है। उदाहरण के तौर पर,  यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680, 49,420 का लाभ) हो जाएगी। 3 गुना होने पर सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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