कोलकत्ता, डेस्क रिपोर्ट। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (west bengal assembly elections) के बाद उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है।एक तरफ ममता सरकार (Mamata Banerjee) में वित्त मंत्री अमित मित्रा के इस्तीफा देने की अटकलें तेज है वही दूसरी तरफ 8 बीजेपी विधायकों ने विधायक मुकुल रॉय की लोक लेखा समिति (PSC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के विरोध में विधानसभा की विभिन्न समितियों के प्रमुखों के रूप में इस्तीफा दे दिया है।विधायकों के इस इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं।
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पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा (West Bengal Assembly) में कुल मिलाकर आठ स्थायी समितियां हैं और आमतौर पर विपक्षी विधायकों को उन समितियों का अध्यक्ष बनाया जाता है, लेकिन हाल ही में बीजेपी का दामन छोड़ टीएमसी (TMC) में शामिल हुए मुकुल रॉय (Mukul Roy) ने सदन में बीजेपी विधायक के रूप में पद नहीं छोड़ा है, इसी के विरोध में इन समितियों के मनोनीत अध्यक्ष के सभी आठ बीजेपी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। पत्र में कहा गया है कि पार्टी के निर्देश के बाद विधायक स्थायी समितियों से इस्तीफा दे रहे हैं।
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इन आठ विधायकों में मिहिर गोस्वामी (चेयरमैन एस्टिमेट), मोनोज तिग्गा (चेयरमैन लेबर), कृष्णा कल्याणी (चेयरमैन पावर और गैर-पारंपरिक ऊर्जा), निखिल रंजन डे (चेयरमैन मत्स्य पालन), बिष्णु प्रसाद शर्मा (चेयरमैन पीडब्ल्यू और पीएचई), दीपक बर्मन (चेयरमैन सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा), अशोक कीर्तनिया (चेयरमैन अधीनस्थ विधानमंडल) और आनंदमय बर्मन (चेयरमैन पेपर्स लेड ऑन द टेबल) शामिल हैं।