8th Pay Commission में कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी? कैसे तय होगा डीए? कितना होगा फिटमेंट फैक्टर ? यहां समझें

फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है।

8th Pay Commission : 31 दिसंबर 2025 को 7वां वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होगा, ऐसे में 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग के लागू होने की संभावना है। अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय हो सकता है, जिससे वेतन में 30-40% की वृद्धि हो सकती है यानि न्यूनतम मूल वेतन 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकता है।

अब सवाल है कि 8वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ता कितना होगा? क्या नया वेतन आयोग में डीए शून्य हो जाएगा ।? भत्तों में किस तरह से संशोधन होगा? क्या महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में मर्ज होगा। क्या आयोग CGHS (केंद्रीय स्वास्थ्य योजना) को बदलने की सिफारिश करेगा।आईए जानते है विस्तार से इन सभी सवालों के जवाब…………..

डीए-भत्तों पर क्या पड़ेगा असर?

  • 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ा जा सकता है।चुंकी अगर महंगाई भत्ता 50% या उससे ज्यादा है, तो इसे नए पे-कमीशन पर मर्ज करने का प्रावधान है। जनवरी से जून 2026 के AICPI इंडेक्स से तय होगा कि महंगाई भत्ता कितना होगा। ये स्थिति साफ होते ही कर्मचारियों को 0 फीसदी से आगे महंगाई भत्ते दिया जा सकता है।
  • अनुमान तो ये भी है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद डीए, टीए और एचआरए में भी बदलाव हो सकता है।
  •  बीते दिनों संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी स्पष्ट कर चुकी है कि 8वें सीपीसी से केंद्र सरकार के 36 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा।

फिटमेंट फैक्टर पर क्या पड़ेगा असर?

  • फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है।
  • वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।
    7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर के कारण वेतन और पेंशन में वृद्धि के बाद केंद्रीय कर्माचारियों की न्यूनतम सैलरी 7,000 से बढ़कर 18,000 रूपये हो गई थी।
  • 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच तय हो सकता है, जिससे वेतन में 30-50 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा।अगर 1.92 फिटमेंट फैक्टर होता है तो वेतन में 92% की वृद्धि यानि 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर पर क्यों जरूरी ?

फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।

क्या 8वें वेतन आयोग में CGHS की जगह आएगी नई स्कीम?

  • CGHS वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है हालांकि इससे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कर्मचारियों पेंशनरों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। 6वें वेतन आयोग ने वैकल्पिक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का सुझाव दिया था, लेकिन 7वें वेतन आयोग ने स्पष्ट कहा था कि हेल्थ इंश्योरेंस ही दीर्घकालिक समाधान हो सकता है।
  • इसके बाद जनवरी 2025 में खबर आई थी कि स्वास्थ्य मंत्रालय CGHS की जगह ‘सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज एंड पेंशनर्स हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम’ (CGEPHIS) ला सकता है, जिसे IRDAI रजिस्टर बीमा कंपनियों के माध्यम से लागू किया जा सकता है। अब सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग में CGHS का लाभ कैसे मिलेगा।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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