आटो रिक्शा के किराए में हुई बढ़ोत्तरी, मिनिस्टर ने की घोषणां।

गांधीनगर, डेस्क रिपोर्ट। महंगाई इस वक्त नाइटोर्जन सिलेंडर लगाकर पूरी रफ्तार से दौड़ रही है, रोज़ मर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छूने को हैं। एक चीज़ की मंहगाई का असर सीधे सीधे दूसरी पर पड़ता साफ दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां पेट्रोल डीजल के दाम रोज़ नए आयाम छू रहे हैं वहीं इसका सीधा असर ट्रांसपोर्टर के बढ़ते किराए के रूप में देखा जा सकता है। आखिरकार किराया कोई भी बढ़ाए मरना आम इंसान का ही होता है। ऐसे में अब जो लोग पैसे बचाने के लिए अपनी कार या स्कूटर की जगह ऑटो रिक्शा इस्तेमाल करते थे उनके लिए यह खबर तसल्ली देने वाली नही हैं।

आटो रिक्शा के किराए में हुई बढ़ोत्तरी, मिनिस्टर ने की घोषणां।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।