बदरीनाथ धाम के कपाट 6 महीने के लिए आज से कर दिया जाएगा बंद, तैयारियां पूरी

हिमालय की गोद में बसा यह धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के कपाट ठंड के मौसम में 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है।

Sanjucta Pandit
Published on -
Badrinath Dham

Badrinath Dham : बदरीनाथ धाम भारत के उत्तराखंड में स्थित है। हिमालय की गोद में बसा यह धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के कपाट ठंड के मौसम में 6 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। उसके बाद मेघ लग्न में शुभ मुहूर्त पर कपाट को फिर से दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं। कपाट खुलने से पहले पुजारी दीपक जलाते हैं, जो 6 महीने बाद जलता हुआ मिलता है।

गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट बंद हो चुके हैं। वहीं, आज यानी रविवार को रात 09 बजकर 07 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। अब तक 14 लाख 20 हजार यात्री भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं।

आज कपाट होंगे बंद

बता दें कि कपाट बंद होने से पहले यहां पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। साथ ही मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। कपाट बंद होने के परंपरा के अनुसार, रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करते हैं। आज मंदिर के रावल जी, माता लक्ष्मी की सखी का रूप धारण कर माता लक्ष्मी को गर्भगृह में प्रवेश करवाएंगे। जिसके बाद भगवान नारायण को घृत कंबल ओढ़ाया जाएगा और मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

कार्यक्रम

  • आज ब्रह्ममुहुर्त 4 बजे मंदिर दर्शन और पूजा अर्चना के लिए खोला गया।
  • सायं 6 बजकर 45 मिनट पर सायंकालीन पूजा शुरू होगी।
  • 7 बजकर 45 मिनट पर स्त्री रूप धारण कर रावल जी माता लक्ष्मी जी को मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर से श्री बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराए जाएंगे।
  • शाम 8 बजकर 10 मिनट पर शाम की आरती होगी।
  • इसके बाद कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
  • 9 बजे रात्रि तक भगवान बदरी विशाल को माणा महिला मंडल की ओर से तैयार किया गया घृत कंबल ओढ़ाया जायेगा।
  • फिर ठीक 9 बजकर 07 मिनट पर शुभ मुहूर्त में भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद हो जाएंगे।

धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बदरीनाथ धाम भारत में सबसे महत्वपूर्ण धामों में से एक है। यहां पर बाबा बदरीनाथ के शिवलिंग की पूजा की जाती है और यह चार धामों में से एक है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यहां स्वयं ज्योत लगातार जलता रहता है। वहीं, मंदिर के कपाट हर साल बंद होते हैं, जो शीतकालीन मौसम के लिए होता है। इसदौरान मंदिर में एक दीपक जलाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह ज्योत जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, तो यह जलते हुए मिलता है।


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News